कृषि-बागवानी के सुदृढ़ीकरण पर खर्च होंगे 2 हजार करोड़: सुक्खू
सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि व बागवानी क्षेत्र को सुदृढ़ कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त कर रही है। इस वित्त वर्ष के दौरान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार 2 हजार करोड़ रुपए व्यय करेगी। मुख्यमंत्री ने वीरवार को कृषि, बागवानी व अन्य संबद्ध विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। सुक्खू ने कहा कि कृषि व बागवानी उत्पादों का प्रसंस्करण कर उनका विपणन करने के लिए बेहतरीन व्यवस्था विकसित की जा रही है। इसी दृष्टिकोण के साथ दुग्ध क्षेत्र के विकास के लिए भीे नवोन्मेषी प्रयास किए जा रहे हैं। सुक्खू ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में पशुधन का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश सरकार की ओर से हिम गंगा योजना को प्रथम चरण में पायलट आधार पर हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में आरंभ किया है। मिल्कफैड की ओर से मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों में 120 स्वचालित और 32 डिजिटल दूध संग्रहण इकाइयां स्थापित की गई हैं।
प्राकृतिक खेती से जोड़े जाएंगे एक लाख लोग
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती से उत्पादित हल्दी, गेहूं व मक्का के समर्थन मूल्य को इस वित्त वर्ष में क्रमश: 90 रुपए, 60 रुपए तथा 40 रुपए प्रति किलोग्राम करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस वर्ष एक लाख नए किसानों को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा है और प्राकृतिक खेती करने वाले सभी किसानों को हिम परिवार रजिस्टर से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस मौके पर कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, विधायक आशीष बुटेल, मिल्कफैड के अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर, सचिव पशुपालन रितेश चौहान, मिल्कफैड के प्रबंध निदेशक विकास सूद व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।