कोलबांध के साथ लगते एरिया के लोग पानी को तरसे
कोलबांध परियोजना के निर्माण को लेकर अपना अहम योगदान देने वाले विस्थापितों को पीने के पानी के लिए महरूम होना पड़ रहा है। आलम यह है कि पिछले चार दिनों से विस्थापित परिवार पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस गए हैं। लोगों को जरूरत के लिए पानी के टैंकर खरीद कर मंगवाने पड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि शिकायत के बावजूद पानी की समस्या हल नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने वीरवार को 1100 नंबर पर भी शिकायत दर्ज करवा दी है। ग्रामीणों में शामिल जगदीश कुमार, प्यार सिंह, बाबू राम, बीरबल राम, किशोरी लाल, सतपाल शर्मा, जगत पाल आदि कोलबांध विस्थापितों ने बताया कि सेड़पा कॉलोनी में करीब डेढ़ सौ परिवार बसर कर रहे हैं। यहां पर लिफ्ट वॉटर सप्लाई स्कीम एनटीपीसी जमथल, हरनोड़ा, धौणकोठी से पानी की आपूर्ति होती है, जबकि पुरानी स्कीम से पानी आना बंद है। नई स्कीम से सुबह के समय ही एक घंटा पानी आता था, लेकिन अब चार दिनों से नलों से पानी की एक भी बूंद नहीं टपक रही है। उन्होंने कहा कि पानी का प्रबंध करने में सारी दिनचर्या प्रभावित हो रही है।
ग्रामीणों का आरोप, बिना फिल्टर कोलबांध जलाश्य से उठाकर दिया जा रहा पानी
ग्रामीणों का आरोप है कि यहां पर सीधे कोलबांध जलाश्य से पानी उठाकर दिया जा रहा है, जो फिल्टर्ड नहीं है। इससे जलजनित रोगों के फैलने का खतरा बना हुआ है। गर्मियों के मौसम में यह खतरा और भी बढ़ जाता है। इन विस्थापितों का कहना है कि लोगों का स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है, जिससे विभाग के स्वच्छ पानी देने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पाइें टूटी हुई हैं। शिकायत करने के बावजूद विस्थापितों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। पानी की समस्या के स्थायी हल को लेकर कई बार विस्थापित उपायुक्त बिलासपुर के पास गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। विस्थापितों ने चेतावनी दी है कि शीघ्र ही उनकी पानी की समस्या का हल नहीं किया गया, तो वे संघर्ष के लिए रणनीति तैयार करेंगे, जिसकी सारी ज्मिेदारी एनटीपीसी और जिला प्रशासन की होगी। उधर, इस बारे में एक्सईएन जलशक्ति मिशन बिलासपुर ई. सतीश शर्मा ने कहा कि उनके पास अभी समस्या पहुंची है, वह इस बारे में एसडीओ से बात कर समस्या को दूर करने का प्रयास करेंगे।