अमलैहड़ में आकार लेने लगा राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल, छात्रों को जल्द मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
जिले के अमलैहड़ इलाके में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण का कार्य अब आधार लेने लगा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को प्रतिष्ठित पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए इन स्कूलों का निर्माण करवा रहे हैं। अपने गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन में इस स्कूल के निर्माण का कार्य अब रफ्तार पकडऩे लगा है। प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक 'राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल' के क्रियान्वयन की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के लगभग एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण शुरू हो चुका है। यहां 25 करोड़ की लागत से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के प्रथम चरण का कार्य आरंभ कर दिया गया है। लगभग 125 कनाल भूमि पर बनने वाले इस संस्थान में विद्यार्थियों को अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके परिसर में शैक्षणिक सुविधाओं के साथ-साथ खेलकूद, सांस्कृतिक और अन्य गतिविधियों के लिए भी आधुनिक सुविधाओं का प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस स्कूला के प्राइमरी विंग को एक साल के भीतर तैयार करने के निर्देश दिए हैं, अब वह दिन दूर नहीं है, जब अमलैहड़ और इसके आसपास के गांवों के आम परिवारों के बच्चों को भी अपने स्कूल में वे सभी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, जो कि आम तौर पर बड़े एवं महंगे पब्लिक स्कूलों में ही मिलती हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस क्लासरूम हो या खेलने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों वाला ग्राउंड या फिर एनसीसी, सांस्कृतिक और अन्य गतिविधियों के लिए आवश्यक सुविधाएं, ये सभी प्रावधान राजीव गांधी डेबोर्डिंग स्कूल में किए जा रहे हैं। निश्चित रूप में आम परिवारों के बच्चों को इन स्कूलों में पढऩे का मौका मिलेगा।