भरेड़ी के जंगलों में लगी आग, वन संपदा राख
भोरंज उपमंडल के वन विश्राम गृह भरेड़ी के पास जंगलों में लगी भीषण आग ने क्षेत्र को दहला दिया है। आग इतनी तेजी से फैली कि आसपास रखा लकड़ी का भंडार भी इसकी चपेट में आ गया। वन विभाग का कहना है कि आगजनी की यह घटना सुनियोजित लग रही है, जिसमें असामाजिक तत्वों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही वन विभाग हरकत में आया और तुरंत अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई। दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर अथक प्रयासों से आधी लकड़ी को जलने से बचा लिया, लेकिन तब तक आधे से अधिक लकड़ी और वन संपदा राख हो चुकी थी। इस घटना के बाद वन्य जीवजंतुओं में हड़कंप मच गया। जान बचाने के लिए कई पशु पक्षी रिहायशी इलाकों की ओर भागते देखे गए हैं। वहीं, हवा की गति के कारण चीड़ की सूखी पत्तियों से आग बार-बार भड़क रही है, जिससे आग पर नियंत्रण पाना चुनौती बन गया है।
सामाजिक ज्मिेदारी की अपील
वन विभाग ने आमजन से अपील की है कि वे जंगलों में आग लगाने से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत विभाग को दें। यह न केवल पर्यावरण की रक्षा का मामला है, बल्कि हमारे भविष्य की सुरक्षा का सवाल भी है।
वन विभाग ने दी चेतावनी
वन विभाग ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भरेड़ी के वन रक्षक योग राज ने बताया कि आग से भारी नुकसान हुआ है। हमारी टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आग को फैलने से रोका, लेकिन जनता से अपील है कि खेतों और घासनियों में आग लगाते समय पूरी सावधानी बरतें। इस मौके पर रेंजर अघार अंकुश सिंह, बीइओ पवना कुमारी व समस्त वन विभाग की टीम भी पहंच गई थी। वन विभाग रेंज ऑफिस अघार रंजर अंकुश सिंह ने बताया कि वन विश्राम गृह में रखी लकड़ी जल गई है। लकड़ी को कॉर्पोरेशन को सौंप दिया था, लेकिन उन्होंने इसे समय पर नहीं उठाया। आग सड़क की ओर से कैसे लगी इसकी कोई जानकरी नहीं लगी है। आगजनी से चौकीदार का कमरा भी थोड़ा जल गया है। आगजनी के नुकसान के लिए कमेटी गठित की जाएगी, उसके बाद ही नुकसान का आकलन होगा। समाचार लिखे जाने तक अभी अग्निशमन विभाग के कर्मचारी आग पर काबू पाने में जुटे हुए हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने भी चिंता जताई है कि आग हर दिन विकराल रूप ले रही है और यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो रिहायशी इलाकों तक भी इसका खतरा बढ़ सकता है। कई लोग रात-रात भर जागकर आग पर नजर बनाए हुए हैं।