दिव्यांग हितों को लेकर हिमाचल दिव्यांग कल्याण समिति की बैठक, मुख्यमंत्री को सौंपा मांग पत्र
हिमाचल दिव्यांग कल्याण समिति सरकाघाट की मासिक बैठक, समिति के प्रदेशाध्यक्ष हरिदास प्रजापति की अध्यक्षता में समिति कार्यालय रोपा कॉलोनी सरकाघाट में आयोजित की गईं। बैठक में दिव्यांगों के हितों पर चर्चा की गई तथा उपमंडल अधिकारी (ना.) सरकाघाट के माध्यम से अतिरिक्त मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को मांगों से भरा ज्ञापन भी भेजा गया। अपनी अपनी अतिरिक्त मांगों में सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे नेत्रहीन दिव्यांगों की वास्तविक मांगों, जिनमें पैंशन बढ़ोतरी, जो पिछले 3 वर्षों से नहीं बढ़ी, जबकि अन्य तकरीबन सभी की और खुद के विधायकों की भी बढ़ा दी है, तथा दिव्यांगों को सरकारी नौकरियों में आयु सीमा 55 वृष, तहसील स्तर पर सक्षम दिव्यांगों के साक्षात्कार करने और उन्हें या उनके परिजनों को तहसील स्तर पर ही नौकरी दिलवाने इत्यादि मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। दिव्यांगों ने अपनी मांगों को पूरी करवाने के लिए प्रदेश और केंद्र में विपक्षी दलों से भी गुहार लगाई है।प्रदेश महासचिव रमेश चंद भारद्वाज ने बताया कि जब भी किसी दिव्यांग का यूडीआईडी कार्ड दिल्ली से बनकर आता है तो उस कार्ड के साथ सलंगित पत्र में ये लिखा हुआ है कि "यह कार्ड पूरे भारत में मान्य है" तो फिर इस कार्ड को सभी बसों में क्यूं नहीं चलाया जाता? और जब सरकार बात समानता की करती है, तो फिर यूडीआईडी कार्ड सिर्फ कुछ एक बसों में ही मान्य क्यूं? सरकाघाट में प्रस्तावित दिव्यांग भवन के निर्माण के लिए संबंधित कागज जिनमें मुख्यता समिति के तरफ से प्रस्ताव पारित कर उपमंडल अधिकारी (ना.) को दिया गया, जिससे सरकाघाट में दिव्यांग भवन का निर्माण जल्द हो सके। दिव्यांगों ने दिव्यांगों के लिए सरकार से बीपीएल सूची में 50 प्रतिशत दिव्यांगता की जगह 40 प्रतिशत दिव्यांगता की मांग की, क्यूंकि दिव्यांगों के लिए हर जगह सरकारी योजना में न्यूनतम परसेंटेज 40 प्रतिशत है। समिति सरकार द्वारा पारित उस नियम में भी बदलाव करने की मांग भेजी, जिसके तहत प्रधानमंत्री आवास योजना का फायदा लेने के न्यूनतम 100 दिन मनरेगा की हाजरी की कंडीशन रखी है, जबकि कई दिव्यांग मनरेगा में काम करने के लिए सक्षम नहीं हैं। इस बैठक में उपरोक्त पदाधिकारियों के अलावा उपाध्यक्ष कर्म सिंह परमार (भूतपूर्व सैनिक विंग) मेहर सिंह, ज्योति, सीता राम व नए सदस्य धर्म सिंह चंदेल व जय पाल इत्यादि गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।