सीएम सुक्खू के दौरे से पांगी-चंबा को विकास की नई आस
प्रदेश के इतिहास में पहली बार, राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस का आयोजन चंबा जिले की दूरस्थ और कठिन भू-भाग पांगी घाटी में हो रहा है। यह निर्णय राज्य सरकार की दूरदर्शिता और जनभावनाओं के सम्मान का प्रमाण है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 15 अप्रैल को इस ऐतिहासिक घाटी में स्वयं उपस्थित होंगे। उनके साथ हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, जो स्वयं चंबा जिले से संबंध रखते हैं और वर्षों से इस क्षेत्र की आवाज संसद तक उठाते रहे हैं, भी विशेष रूप से समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। हालांकि मुख्यमंत्री की ओर से इस यात्रा के दौरान क्या घोषणाएं होंगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन जनता को उम्मीद है कि पांगी घाटी के लिए टनल कनेक्टिविटी, सड़क और आधारभूत ढांचे के मोर्चे पर कुछ ठोस योजनाएं सामने आ सकती हैं। जनता की निगाहें अब 15 अप्रैल पर टिकी हैं कि जब हिमाचल दिवस की गूंज पहली बार पांगी घाटी की वादियों में गूंजेगी और शायद साथ ही एक नए विकास युग का आगाज भी हो। इस आयोजन को लेकर पूरे जिले में उत्साह की लहर है। भरमौर-पांगी क्षेत्र के एपीएमसी चेयरमैन ललित ठाकुर ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि पांगी घाटी में ऐसा आयोजन होना सिर्फ सम्मान की बात नहीं, बल्कि यह क्षेत्र को मुख्यधारा से जोडऩे की दिशा में सकारात्मक कदम है। चंबा जिला आध्यात्मिकता, ट्रेकिंग, लोक संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। मणिमहेश, भरमौर, साच पास, कुगती, चौरासी मंदिर आदि जैसी जगहों में बेशुमार पर्यटन क्षमता है। लेकिन अभी तक यह क्षेत्र पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर और संपर्क सुविधाओं के अभाव में अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाया है।