गर्मी की छुट्टियों में हिमाचल का सफर: चलोटी धार में माता सुरगणी मंदिर करें दर्शन, प्रकृति के सौंदर्य का उठाएं आनंद
गर्मियों की छुट्टियां शुरू होते ही लोग राहत की तलाश में शांत और प्राकृतिक स्थलों की ओर रुख करते हैं। ऐसे में हिमाचल प्रदेश का जोगिंदर नगर स्थित माता सुरगणी मंदिर एक आदर्श धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है। समुद्र तल से लगभग 6000 फीट की ऊंचाई पर चलोटी धार की पहाड़ियों में बसा यह मंदिर न केवल भक्तों की आस्था का केंद्र है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है।
हर मनोकामना होती है पूरी
माना जाता है कि माता सुरगणी के दरबार में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। इस मंदिर की मान्यता दूर-दूर तक फैली है और हर वर्ष हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। डूघ गांव से चलोटी धार-डगू गलू सड़क होते हुए लगभग एक किलोमीटर की पैदल ट्रैकिंग के बाद जब श्रद्धालु माता सुरगणी मंदिर पहुंचते हैं, तो उन्हें न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है बल्कि प्रकृति की गोद में समय बिताने का अविस्मरणीय अनुभव भी मिलता है।
सुरगणी मंदिर कमेटी का आग्रह
माता सुरगणी मंदिर कमेटी ने देशभर के श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे इस वर्ष गर्मी की छुट्टियों में अपने परिवार सहित मंदिर में आकर दर्शन करें और माता का आशीर्वाद प्राप्त करें।
कमेटी की ओर से विशेष रूप से बच्चों के लिए यह यात्रा प्रेरणादायक बताई गई है। कमेटी का मानना है कि गांव और धार्मिक स्थलों से जुड़ाव बच्चों को अपनी संस्कृति और जड़ों से जोड़ता है, जो आज के डिजिटल युग में बहुत जरूरी हो गया है। जोगिंद्रनगर क्षेत्र में माता सुरगणी मंदिर के अतिरिक्त भभोरी माता मंदिर, बातल देवता मंदिर, चतुर्भुजा माता मंदिर, सिमसा माता मंदिर, कूड महादेव मंदिर, टोन भराड़ी, त्रिवेणी महादेव जैसे अनेक दर्शनीय धार्मिक स्थल हैं जिनका भ्रमण भी अवश्य करना चाहिए।
प्रदूषण रहित वातावरण, आध्यात्मिक ऊर्जा
शहरों की भीड़ और प्रदूषण से दूर हिमाचल प्रदेश का शुद्ध वातावरण, पहाड़ी हवाएं और हरियाली, बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में सहायक होती हैं। माता सुरगणी मंदिर कमेटी ने सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अनुरोध किया है कि वे इस आध्यात्मिक स्थल की यात्रा करें और यहां की धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव लें।