अंधड़-ओलावृष्टि से फसलें खराब, हिमाचल की चोटियों पर बर्फबारी; निचले क्षेत्रों में झमाझम बारिश, पारा लुढ़का
हिमाचल में बारिश की तेज फुहारों से गर्मी की तपिश कम हुई है, मगर ओलावृष्टि और अंधड़ ने कई स्थानों पर फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। पिछले 24 घंटों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी दर्ज की गई है, इससे तापमान में गिरावट आई है और गर्मी से भी राहत मिली है। ओलावृष्टि और बेमौसमी बारिश के कारण ऊपरी इलाकों व मैदानी क्षेत्रों की फसलों को भारी क्षति पहुंची है। जानकारी मिली है कि राज्य के जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा और कुल्लू की ऊंची चोटियों पर वीरवार रात को ताजा बर्फबारी देखने को मिली है। कुंजुम दर्रा, बारालाचा और रोहतांग दर्रे सहित ऊंची चोटियों पर एक बार फिर बर्फ के दीदार हुए हैं। बर्फबारी के कारण इन इलाकों में ठंड लौट आई है और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी तरफ शिमला, सिरमौर, मंडी, कुल्लू और बिलासपुर सहित कई जिलों में जोरदार बारिश और ओलावृष्टि हुई है। ओलावृष्टि से शिमला जिले के ऊपरी क्षेत्रों जैसे चौपाल, ठियोग, जुब्बल और रोहड़ू में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। मंडी जिले के सराज, गोहर, नाचन और द्रंग के ऊपरी हिस्सों में सेब के फूलों के झड़ जाने की सूचना है। सराज में तो मटर और अन्य नकदी फसलें भी प्रभावित हुई हैं। कुल्लू की उझी घाटी में पंचायत शिरड़ के तहत मंझलीहार, खरगी और सरगाणी गांवों में भी सेब, प्लम और अन्य मौसमी फलों के फूल ओलावृष्टि के कारण झड़ गए हैं। सिरमौर जिले के कई क्षेत्रों में भी ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मैदानी जिलों में बेमौसमी बारिश ने गेहूं की तैयार खड़ी फसल को प्रभावित किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के लिए चेतावनी जारी की है। विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 12 अप्रैल तक मौसम खराब बना रहेगा। आज और कल के लिए प्रदेश के कई हिस्सों में बिजली गिरने, ओलावृष्टि और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने की संभावना है। इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।