घटी खनन लीज, महंगी होगी भवन निर्माण सामग्री
प्रदेश सरकार की खनन को लेकर नियत और नीति भले जनता में पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो रही हो, लेकिन भवन निर्माण करने वालों पर इसका असर दिखेगा। देर सवेर फिर से भवन निर्माण सामग्री के दाम बढ़ सकते हैं। हालांकि, अभी संकट पैदा नहीं हुआ है, लेकिन जिस तरह से खनन लीज का दायरा समय सीमा के तहत निर्धारित कर दिया है, उससे अब डिमांड बढऩे की स्थिति में उत्पाद की जगह दाम ही बढऩे का विकल्प होगा। बता दें कि प्रदेश सरकार ने ऊना जिले में नए स्टोन क्रशर स्थापित करने पर प्रतिबंध लगाया है, जबकि पुराने क्रशरों की लीज के नवीकरण पर रोक लगा दी है। अवैध खनन की शिकायतों के चलते सरकार ने यह फैसला लिया है। अवैध खनन को लेकर डीसी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है, जो अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। खड्डों से अवैध खनन की खबरें बढ़ गई हैं। भवन निर्माण सामग्री की कीमत बढ़ेगी, तो अवैध खनन की गतिविधियों में लगे लोग और सक्रिय हो जाएंगे।
ऊना की खड्डों में अवैध खनन
ऊना जिले की खड्डों से चोरी के रास्तों से रात के अंधेरे में अवैध खनन हो रहा है। लोगों को मालूम है कि कुछ समय बाद क्रशर वालों के लिए खनन का सीमित क्षेत्र होने से सामग्री का संकट पैदा होगा। वहीं, जिला खनन अधिकारी ऊना नीरज कांत ने बताया कि जिले में फिलहाल क्रशर या लीज के लिए कोई नया आवेदन नहीं हुआ है। नए क्रशर व लीज के आवेदनों पर रोक के आदेश जारी हुए हैं। इस आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार ने लिया है अवैध खनन रोकने के लिए माइनिंग टास्क फोर्स गठित करने का फैसला
प्रदेश में अवैध खनन रोकने के लिए सरकार ने माइनिंग टास्क फोर्स गठित करने का भी फैसला लिया है। इस टास्क फोर्स में सरकार सुरक्षा कर्मियों की भर्ती करेगी। होमगार्ड सहित अन्य कर्मियों की तैनाती की जाएगी। अब तक अवैध खनन पर उद्योग विभाग पुलिस की मदद से कार्रवाई करता है। एम फार्म में होने वाली गड़बडिय़ां रोकने के लिए ऑनलाइन स्वीकृति की व्यवस्था करने का भी फैसला लिया गया है। सरकार इसके लिए आईटी विभाग के सहयोग से डाटा सेंटर स्थापित करेगी और अनुमतियां ऑनलाइन माध्यम से ही दी जाएंगी।
ऊना जिले में नए क्रशर स्थापित करने और मौजूदा क्रशरों की लीज के नवीकरण पर रोक लगाई है। खनिजों के अंधाधुंध दोहन को रोकने और अवैध खनन की शिकायतों के मद्देनजर यह फैसला लिया है। अवैध खनन रोकने के लिए माइनिंग टॉस्क फोर्स गठित की जाएगी और एम फार्म के दुरुपयोग को रोकने के लिए डाटा सेंटर बनाकर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी। -हर्षवर्धन सिंह चौहान, उद्योग मंत्री।