संस्कृत कॉलेज सरांह की हालत खराब
फर्श पर गड्ढे और टूटी छत, यही है हिमाचल के प्राचीन संस्कृत शिक्षण संस्थानों में से एक बृजेश्वर संस्कृत कॉलेज सरांह की निशानी। इस संस्कृत शिक्षण संस्थान के सरकारीकरण के बाद किसी भी सरकार ने आज तक कोई सुध नहीं ली है। उपमंडल चौपाल के सरांह में 1972 में विजेश्वर संस्कृत महाविद्यालय खुला था, जो बीते कई वर्षों से अपनी बदहाली का रोना रो रहा है। लोगों के बार-बार आग्रह करने पर भी इसकी तरफ सरकार ने आज तक कोई ध्यान दिया है। यह भवन आज बाद से भी बदतर दौर से गुजर रहा है । भवन की छत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है तथा भवन के अंदर और बाहर फर्श पर गड्ढों की बादशाहत नजर आती है। इस संस्कृत महाविद्यालय में जिला शिमला, सिरमौर और सोलन के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है और अभी भी महाविद्यालय में 71 छात्र छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है। हालांकि हिमाचल सरकार ने वर्ष 2017 में इसका सरकारीकरण किया है, परंतु अभी तक नया भवन निर्माण की ओपचारिकताएं पूर्ण नही हुई है। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता दीपक ने कहा कि अभी क्लासें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके भवन में ही चल रही है। बुरी तरह टूटे-फूटे इस भवन में छात्र मौत के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है। महाविद्यालय में बच्चों के साथ अध्यापकों के लिए भी बैठने की अच्छी व्यवस्था नहीं है। उन्होंने प्रदेश सरकार से जल्दी ही नया भवन बनाने और फर्नीचर प्रदान करने का आग्रह किया है । उधर कार्यकारी प्राचार्य रितेश शर्मा ने कहा कि कॉलेज भवन का प्राकलन विभाग को भेजा गया है और भवन निर्माण का मामला सरकार के ध्यान में है।