सांसद कंगना रनौत के जोगिंद्रनगर दौरे पर कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर का तीखा हमला, विकास के मुद्दों पर घेरा
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव जीवन ठाकुर ने जोगिंद्रनगर में एक प्रेस वार्ता कर सांसद कंगना रनौत पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सांसद कंगना का नौ माह बाद जोगिंद्रनगर दौरा स्वागत योग्य है, लेकिन सांसद बनने के बाद भी उनकी भाषा शैली में कोई बदलाव नहीं आया है। संसद की गरिमा बनाए रखने के लिए उन्हें अपनी भूमिका को समझना होगा। जीवन ठाकुर ने कहा कि परौरा रेलवे स्टेशन के लिए केंद्र सरकार ने 13 करोड़ और पालमपुर रेलवे स्टेशन के लिए 19 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, लेकिन जोगिंद्रनगर-पठानकोट रेललाइन की उपेक्षा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद कंगना इस रेललाइन के अस्तित्व को बचाने के लिए केंद्र से एक रुपया भी स्वीकृत नहीं करवा पाई। कांग्रेस नेता ने कहा कि सांसद का कार्य जोगिंद्रनगर क्षेत्र की समस्याओं को संसद में उठाना है, जैसे सगनेहडर गांव में ओवरब्रिज का निर्माण न होना, जिससे स्थानीय लोगों को 8 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता है। उन्होंने विधायक प्रकाश राणा के मंच से दिए बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश में अब तक के सबसे सजग मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने नशे के खिलाफ कड़ा अभियान छेड़ा है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर नशा तस्करों को जेल भेजा जा रहा है, चाहे वे कोई भी हों।
विकास कार्यों की दी जानकारी
जीवन ठाकुर ने कहा कि जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल की घोषणा की है और उसका बजट भी पास कर दिया गया है। वहीं चुला प्रोजेक्ट ऊलह तृतीय चरण के लिए 86 करोड़ रुपए स्वीकृत कर उसे शुरू किया गया, जिससे सरकार को अब तक 10 करोड़ रुपये की शुद्ध आय प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि 276 करोड़ रुपए की लागत से थाना प्लान विद्युत परियोजना का पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू हो चुका है और 18 करोड़ रुपए के टेंडर लग चुके हैं। इसके अतिरिक्त, 32 लिंक सड़कों के लिए सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है, जिनमें से 26 सड़कों के लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा महिला सशक्तिकरण की बात तो करती है, लेकिन रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर महिलाओं पर बोझ डाल रही है। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जोगिंद्रनगर की 650 महिला मंडलों को 20-20 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान कर उनका सम्मान किया है।
उन्होंने कहा कि सांसद बनने के 9 महीने बाद कंगना रनौत को जोगिंद्रनगर की महिलाओं को धन्यवाद देने का समय मिला। लेकिन जब महिलाएं स्वागत के लिए खड़ी थीं, तो उन्हें ‘नो हार-नो हार’ कहकर अपमानित किया गया, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
संसद में विकास के लिए उठाएं हिमाचल की आवाज
अंत में जीवन ठाकुर ने कहा कि यह देश संविधान और ढांचे से चलता है। सांसद कंगना को चाहिए कि वह संसद में हिमाचल प्रदेश और मंडी संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र से अधिक सहायता की मांग करें, ना कि नेताओं पर बयानबाज़ी कर राजनीति चमकाएं।