राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर बोराड खड्ड में अवैध ब्लास्टिंग मामले में कोई कार्यवाही नहीं होने से ग्रामीणों परेशान
राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर बोराड खड्ड में अवैध ब्लास्टिंग के मामले में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जबकि स्थानीय प्रशासन की जांच में यहां भारी मात्रा में जिलाटाइन के प्रयोग की बात सामने आई है। जिसकी रिपोट उन्होंने अपने उच्च अधिकारी को भेज दी है । हैरानी की बात है कि शातिर कंपनी और ठेकेदार विस्फोटक की अनुमति लेने के जुगाड़ में लगे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर पैकेज दो के तहत चौड़ीकरण का काम कर रही आरजीबी कंपनी के कार्य प्रणाली हमेशा सवालों के घेरे में रही है। कम्पनी के पेटी ठेकेदार कटिंग से निकलने वाला लाखों टन मालवा नलों में डाल रहे हैं और चट्टानें तोड़ने के लिए भारी मात्रा में विस्फोटक जिलेटिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। हैरानी की बात है कि पुलिस प्रशासन की नाक तले बिना अनुमति के बड़ी मात्रा में जिलेटिन यानी विस्फोटकों का इस्तेमाल हो रहा है। जबकि उच्चतम न्यायालय द्वारा विस्फोटकों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध है। बोराड खड्ड में विस्फोटकों के इस्तेमाल की कई सबूत सामने आए हैं। कई बार यहां एक साथ 3 सर्जन विस्फोट किए गए हैं। जिससे पहाड़ों, पर्यावरण और जल स्त्रोतों को बड़ा नुकसान हुआ है। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन सहित उच्च स्तर पर भी शिकायतें हुई हैं मगर, बावजूद इसके कंपनी जिला प्रशासन से विस्फोटक उड़ने की अनुमति लेने में कामयाब रही थी। जबकि शिकायतों और सबूत के आधार पर कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कर इस प्रकरण की जांच की मांग की गई थी। इस संबंध में कफोटा एसडीएम द्वारा मामले की जांच की रिपोर्ट में भी यहां अवैध तौर पर विस्फोटक उपयोग होने की बात सामने आई है। स्थानीय प्रशासन जिला प्रशासन सहित पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में मामला होने के बावजूद कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। यह पता नहीं लगाया जा सका है कि इतनी बड़ी मात्रा में बेहद खतरनाक विस्फोटक प्रदेश में कैसे पहुंच रहा है। खतरनाक विस्फोट को की तस्करी के रैकेट में कौन लोग शामिल हैं और किस आधार पर कंपनियों को प्रतिबंधित खतरनाक विस्फोट उपयोग करने की खुली छूट मिली हुई है। गंभीर सवाल यह है कि यदि छोटे-मोटे ठेकेदारों को यह खतरनाक विस्फोट आसानी से मिल रहा है तो यह विस्फोटक गलत हाथों में भी जा सकता है। इसका उपयोग देश विरोधी गतिविधियों में भी हो सकता है। सिरमौर प्रशासन, जिला पुलिस और स्थानीय प्रशासन लंबे समय से शिकायतें मिलने के बावजूद इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसके उलट आरोपित कंपनी विस्फोटक उड़ने की अनुमति जुगाड़ में लगी है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन की कार्य प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। उधर , एसडीएम कफोटा राजेश वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर फेस टू का कार्य कर रही आरजीवी कम्पनी द्वारा ब्लास्टिंग के मामले में जांच की गईं जिसकी रिपोट जिला उपायुक्त को भेज दी है। जांच में सम्भादित कम्पनी ने भारी ब्लास्टिंग की है जिसकी रिपोट संबंधित कम्पनी को 7 दिन के अंदर मांगी गई थी मगर संबंधित कंपनी ने ना तो अवैध ब्लास्ट और ना ही मैगजीन के कागजात उपलब्ध करवाए है । इसलिए उन्होंने इस संदर्भ में अपने उच्च अधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी गई है ।