रौंण गांव के लोगों का जल्द पूरा होगा सड़क का सपना
सड़क सुविधा से वंचित शाहपुर की खूबसूरत पर्यटन बोह घाटी का रौंण गांव अब विकास की ओर कदम बढ़ा चुका है। यह संभव हो सका है गांव के उन जागरूक और जनहितैषी नागरिकों की बदौलत, जिन्होंने सड़क निर्माण के लिए अपनी निजी भूमि स्वेच्छा से हिमाचल लोक निर्माण विभाग के नाम दान कर दी। सड़क निर्माण के लिए भूमिदान करने वालों में रमेश चंद, अरविंद कमार, व्यासा देवी, उत्तम चंद, रुको देवी, शिव कुमार शामिल हैं। इन दानवीरों ने सिद्ध कर दिया कि जब नागरिक स्वयं विकास की जिम्मेदारी उठाते हैं, तो बदलाव निश्चित होता है। बता दें वर्तमान में रौंण गांव के बच्चे सेकेंडरी स्कूल में शिक्षा प्रात करने के लिए रोजाना करीब चार किलोमीटर पैदल चलकर बोह स्कूल जाते हैं। गांव में सड़क सुविधा न होने के कारण आपातकालीन स्थिति में मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना भी चुनौतीपूर्ण रहता है। यह परिस्थितियां अब जल्द ही बदलने जा रही हैं।
ग्रामीणों ने विधायक का जताया आभार
गांववासियों ने विधायक केवल सिंह पठानिया का एफआरए फाइल को क्लीयर कराने के लिए दिशा-निर्देश देने के लिए आभार जताया और सड़क का जल्द निर्माण करवाने के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग की है गांववासियों ने सरकार से इस जनकल्याणकारी कार्य में शीघ्रता बरतने की अपील की है। हार बोह उपप्रधान पपू राम ने सिंह पठानिया व प्रदेश सरकार के प्रयास की सराहना करते हुए उनका आभार जताया है।
कई परिवार कर चुके हैं पलायन
इस गांव से बड़ी संख्या में युवा भारतीय सेना एवं अन्य सुरक्षा सेवाओं में कार्यरत हैं और देश की सेवा कर रहे हैं। बावजूद इसके गांव बुनियादी सुविधाओं से अब तक वंचित था। मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण कई परिवार गांव से निचले क्षेत्रों की ओर पलायन कर चुके हैं। प्राकृतिक सौंदर्य में यह गांव किसी कश्मीर की वादियों से कम नहीं है। अब जब सड़क निर्माण का कार्य शुरू होगा, तो न केवल इस क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी इस क्षेत्र की संभावनाएं उजागर होंगी। स्थानीय लोगों ने रौंण गांव के दानवीरों की इस पहल को सलाम किया है। यह पहल न सिर्फ गांव के विकास की दिशा तय करेगी, बल्कि अन्य क्षेत्रों के लोगों को भी प्रेरित करेगी कि जनभागीदारी से ही स्थायी विकास संभव है।