डीसी के स्थानांतरण के बाद ठंडे बस्ते में गसोता मंदिर के पास बना स्विमिंग पूल
हमीरपुर जिले को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए गसोता महादेव मंदिर के पास तत्कालीन डीसी हरिकेश मीणा ने एक मुहिम शुरू की थी। उनके यहां से स्थानांतरण होने के बाद यह काम ठंडे बस्ते में चला गया है। उनके जाने के बाद यहां जितनी भी धनराशि स्विमिंग पूल को विकसित करने के लिए खर्च की गई, वह भी अब व्यर्थ साबित हो रही है। यहां पर आने वाले श्रद्धालु पहले स्विमिंग पूल में नहाने के साथ मंदिर में स्थापित स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन भी करते थे, जब स्वीमिंग पूल को विकसित करने का कार्य शुरू हुआ तो यहां पर आने वाले लोगों को आस जगी कि फिर से इस स्विमिंग पूल की स्थिति में सुधार होगा। बता दें कि वर्ष 2020 में तत्कालीन उपायुक्त हमीरपुर हरीकेश मीणा ने यहां पर हेलिपोर्ट, वाटर पार्क, स्विमिंग पूल और चिल्ड्रन पार्क के निर्माण की योजना बनाई थी। जिला प्रशासन द्वारा पर्यटन की संभावनाएं तलाशने के लिए यह कदम उठाया था। हालांकि, यहां पर पहले मंदिर कमेटी ने अपनी राशि खर्च कर यहां पर स्वीमिंग पूल बनाया था। कुछ साल बाद स्वीमिंग पूल से पानी लीक होना शुरू हो गया था। स्विमिंग पूल में टाइलें भी लगाई, जो देखरेख और स्विमिंग पूल के शुरू न होने से अब उखडऩा शुरू हो गई हैं। बता दें कि गसोता महादेव मंदिर में बने स्वीमिंग पूल को सुंदर तथा आकर्षक बनाने के लिए इसकी गहराई तथा चौड़ाई को तो बढ़ा दिया गया, लेकिन उसके बाद कोई कार्य नहीं किया किया गया। हालांकि, कुछ माह पहले इसमें पानी डाला गया, लेकिन अब वो भी खराब हो गया है। गर्मी के चलते यहां पर आने वाले लोग खाली स्वीमिंग पूल को देखकर मायूस हो रहे हैं। गसोता महादेव मंदिर कमेटी डीसी अमरजीत सिंह से इसका कार्य पूरा करने के लिए मिले थे, लेकिन उन्होंने भी आश्वासन ही दिया है। इस स्विमिंग पूल के साथ जल शक्ति विभाग द्वारा वाटर रिसोर्स बनाया है, जिससे इसमें पानी डाला जाएगा, लेकिन स्विमिंग पूल के साथ नहाने के लिए बाथरूम और अन्य कार्य करवाया जाना बाकी है, जिसका सभी को इंतजार है। इस बारे में मंदिर कमेटी के प्रधान प्रकाश चंद ने बताया कि स्विमिंग पूल की टाइलें भी उखडऩा शुरू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में डीसी से भी मुलाकात की थी, उन्होंने भी आश्वासन दिया है कि इसका कार्य जल्द शुरू करवा दिया जाएगा।