सिरमौर में एक महिला पंचायत प्रधान बर्खास्त, दूसरी सस्पेंड
सिरमौर जिला प्रशासन ने विकास खंड संगड़ाह की ग्राम पंचायत संगड़ाह की प्रधान नीलम को बर्खास्त कर दिया है। डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि नीलम को हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 122(1)(झ) के अंतर्गत अयोग्य घोषित किया गया है। इसके अतिरिक्त, धारा 146(1)(क) व (ख) के तहत कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही और निरहर्ता उपगत करने पर प्रधान पद से निष्कासित किया गया है। नीलम को आगामी छह वर्षों तक किसी भी पंचायत पद के लिए अयोग्य करार दिया गया है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत संगड़ाह के प्रधान पद को रिक्त घोषित कर दिया गया है।
विकास कार्यों में गड़बड़ी पर ग्राम पंचायत जरवा जुनैली की प्रधान सस्पेंड
इसी तरह विकास कार्यों में अनियमितताओं और सरकारी धन के दुरुपयोग के चलते विकास खंड शिलाई की ग्राम पंचायत जरवा जुनैली की महिला प्रधान आशा देवी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जिला पंचायत अधिकारी अभिषेक मित्तल द्वारा जारी आदेशों के अनुसार आशा देवी पर मनरेगा और वित्त आयोग से जुड़े निर्माण कार्यों में भारी गड़बड़ी के आरोप साबित हुए हैं। प्रारंभिक जांच में 11,54,219 रुपए की सरकारी राशि के दुरुपयोग का खुलासा हुआ, जिसमें से 4,44,535 रुपए की गड़बड़ी के लिए आशा देवी को प्रथम दृष्टि में उत्तरदायी पाया गया है।
शिकायतों के आधार पर की गई जांच और कार्रवाई
स्थानीय निवासियों ने पंचायत के विभिन्न कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए लिखित शिकायतें दर्ज करवाई थीं। जांच में मनरेगा के तहत बनाए गए सिंचाई टैंकों, पक्के रास्तों और अन्य निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं। साथ ही, आशा देवी पर अपने सगे भाई को नियमों के विपरीत पंचायत वैंटर बनाने के आरोप भी लगे। प्रारंभिक जांच के बाद 4 अप्रैल 2025 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसका उत्तर 24 अप्रैल 2025 को प्राप्त हुआ, लेकिन संतोषजनक न पाए जाने पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
निलंबन के दौरान नियमों का पालन अनिवार्य
जिला पंचायत अधिकारी ने निलंबित प्रधान को आदेश दिए हैं कि यदि उनके पास ग्राम पंचायत की कोई भी चल या अचल संपत्ति है तो उसे तुरंत पंचायत सचिव के हवाले करें। साथ ही, नियमित जांच की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी ताकि आरोपों की गहनता से पुष्टि की जा सके। प्रशासन का मानना है कि प्रधान के पद पर रहते हुए जांच प्रभावित हो सकती थी, इसलिए यह कदम उठाया गया है।