अग्निशमन विभाग के शहीदों को किया याद
चंबा अग्निशमन केंद्र में सोमवार को एक गंभीर और भावुक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह आयोजन 18 अप्रैल 1944 को बॉम्बे (अब मुंबई) बंदरगाह पर हुए ऐतिहासिक विस्फोट में शहीद हुए 66 अग्निशमन जवानों की स्मृति में किया गया था। इस भीषण हादसे में उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए असंख्य लोगों की जान बचाई थी। बताया जाता है कि बॉम्बे बंदरगाह पर एसएस फोर्ट स्टिकिन नामक जहाज में अचानक आग लग गई थी, जिसके बाद हुए जबरदस्त विस्फोट की गूंज कई मीलों तक सुनाई दी थी। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि पूरा बंदरगाह क्षेत्र तबाह हो गया और आसपास के इलाकों में भारी नुकसान हुआ। लेकिन उस भयावह क्षण में फायर ब्रिगेड के 66 जवानों ने बिना किसी भय के मोर्चा संभाला और वीरगति को प्राप्त हुए। स्टेशन ऑफिसर श्री राजेश गुप्ता और उनकी समर्पित टीम ने उन शहीदों की याद में पुष्पांजलि अर्पित की और मौनधारण कर उनके अदम्य साहस को नमन किया। उन्होंने कहा वे अग्निशमन योद्धा न केवल देश के इतिहास का गौरव हैं, बल्कि आज के हर अग्निशमन कर्मी के प्रेरणास्त्रोत भी हैं। कार्यक्रम के दौरान अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने यह संकल्प भी लिया कि वे कर्तव्य पथ पर किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटेंगे और जनसुरक्षा को सदैव सर्वोपरि रखेंगे। इस श्रद्धांजलि सभा ने यह संदेश दिया कि वीरों का बलिदान समय की धूल में नहीं मिटता, बल्कि वह पीढिय़ों तक कर्तव्य, साहस और सेवा का प्रकाश स्तंभ बना रहता है।