जाइका मिशन ने जताई परियोजनाओं में गति की उम्मीद
जाइका समीक्षा मिशन ने परियोजना के अपने चौथे दिन के दौरे पर राज्य प्रबंधन इकाई, हमीरपुर में आयोजित समापन बैठक के दौरान हिमाचल फसल विविधीकरण परियोजना-2, जाइका-ओडीए में राज्य में किए गए कार्यों की सराहना की। मिशन ने आगे उम्मीद जताई कि किसानों की सक्रिय भागीदारी और अनुकरणीय नवाचारों के साथ फसल विविधीकरण और कृषि-व्यवसाय मूल्य शृंखलाओं की स्थापना के लिए परियोजना की गतिविधियों की गति जारी रहेगी। मिशन ने एसपीएमयू से दिसंबर, 2025 के दौरान अंतरराष्ट्रीय जाइका कृषि कार्यशाला आयोजित करने का भी आग्रह किया। समीक्षा मिशन में परियोजना निर्माण सलाहकार इनागाकी युकारी और विकास विशेषज्ञ निष्ठा वेंगुर्लेकर शामिल थी। समापन बैठक की अध्यक्षता परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान ने की। डॉ. आशीष शर्मा, एसएमएस, एसपीएमयू ने कार्यवाही का संचालन किया और पिछले तीन दिनों में चार उप-परियोजनाओं-कासरला और काटली नाला (मंडी जिला), जोबरंग और यारती-तिनमो (लाहौल और स्पीति जिला) का जाइका समीक्षा मिशन के दौरे का संक्षिप्त विवरण दिया। परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान के निर्देश पर, पीएमसी के सह-टीम लीडर अनिल अग्रवाल ने विभिन्न परियोजना घटकों पर जाइका कृषि परियोजना को समर्थन पर एक प्रस्तुति दी। बैठक में वरिष्ठ सलाहकार बीएस संधू, वित्त अधिकारी प्रदीप कुमार, उपपरियोजना निदेशक डॉ. राजेश कुमार, डॉ. डीडी शर्मा, डॉ. करतार सिंह और परियोजना के एसपीएमयू के विषय विशेषज्ञ शामिल हुए। पीएमसी के विषय विशेषज्ञ डॉ. एम बालामुरुगन एसोसिएट निदेशक और कृषि वित्त निगम (एएफसी) के सलाहकार अनीश विजयन भी मौजूद रहे। मिशन के सदस्यों ने www.hpjicaagriculture.in डोमेन नाम से परियोजना की वेबसाइट भी लॉन्च की। बैठक के दौरान स्वयं सहायता समूहों द्वारा सुंदरनगर में स्थापित सजीव रसोई पर एक वृत्तचित्र भी दिखाया गया। परियोजना द्वारा प्रकाशित रसोई बागवानी मैनुअल (अंग्रेजी और हिंदी) भी समीक्षा दल को प्रस्तुत किए गए। मिशन ने तकनीकी सहयोग परियोजना के ज्ञान बैंक का उपयोग करके किसान परिवारों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को मजबूत करने की सलाह दी। मिशन के सदस्यों ने निकास नीति समय सीमा को तैयार करने और उल्लेख करने पर जोर दिया और हितधारकों की जिम्मेदारियों को कृषि निदेशालय द्वारा निगरानी के साथ स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए। उन्होंने जेंडर मामलों में आए सुझावों पर अमल करने का बल दिया। उन्होंने जानकादी दी कि दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय जाइका कृषि कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।