सीएम मान तथ्यों को दरकिनार कर जनता को कर रहे हैं भ्रमित: सैनी
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा जल वितरण के संबंध में दिए गए बयान को आश्चर्यजनक बताया। उन्होंने कहा कि गत 26 अप्रैल को उन्होंने स्वयं श्री भगवंत मान जी को फोन पर बताया था कि बीबीएमबी की टेक्निकल कमेटी ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी छोडऩे का जो निर्णय 23 अप्रैल को लिया था, उसके क्रियान्वयन में पंजाब के अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। उस दिन मान साहब ने उन्हें स्पष्ट आवश्वासन दिया था कि वे तुरंत अपने अधिकारियों को निर्देश देकर अगले दिन सुबह तक उन द्वारा क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। नायब सिंह सैनी ने कहा कि जब अगले दिन 27 अप्रैल को दोपहर 2 बजे तक पंजाब के अधिकारियों ने कुछ नहीं किया बल्कि हरियाणा के अधिकारियों के फोन भी नहीं उठाए तो उन्होंने भगवंत मान को पत्र लिखकर इन तथ्यों से अवगत भी कराया था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वे हैरान है कि 48 घंटे तक उनके पत्र का जवाब देने की बजाय मान साहब ने एक वीडियो जारी करके पंजाब में अपनी राजनीति चमकाने के लिए तथ्यों को दरकिनार करते हुए देश की जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से पंजाब के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र की प्रति संलग्न है। नायब सिंह सैनी ने कहा कि मान साहब का यह कहना कि आज से पहले पंजाब ने या बीबीएमबी ने हिसाब नहीं रखा, बिलकुल झूठ है। एक-एक बूंद पानी का हिसाब बीबीएमबी के साथ-साथ राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा की सरकारों के पास हर समय होता है। मान साहब ने पंजाब में अपने से पहले की सरकार पर आंकड़ें न रखने का लांछन तो लगाया, परंतु यह नहीं बताया कि वर्ष 2022, 2023 और 2024 में कभी भी अप्रैल, मई और जून के माह में हरियाणा कॉन्टेक्ट प्वाइं एचसीपी पर 9000 क्यूसेक से कम पानी नहीं दिया गया।
बीबीएमबी के पानी से केवल पेयजल की होती है आपूर्ति
मुख्यमंत्री सैनी ने स्पष्ट किया कि जो पानी बीबीएमबी एचसीपी पर भेजता है, उसमें दिल्ली के पीने का पानी 500 क्यूसेक, राजस्थान का 800 क्यूसेक और पंजाब का खुद का 400 क्यूसेक पानी शामिल होता है। इस प्रकार, हरियाणा को जो पानी मिलता है, उसकी मात्रा 6800 क्यूसेक रह जाता है। मान साहब भूल गए कि अप्रैल और मई के महीनों में पंजाब और हरियाणा में एक भी खेत में धान की रोपाई नहीं की जाती क्योंकि ऐसा करना कानूनन प्रतिबंधित है। इन दोनों महीनों में बीबीएमबी द्वारा छोड़े गए पानी से केवल पेयजल की आपूर्ति की जाती है।
हरियाणा को अभी तक नहीं मिला पूरा हिस्सा
नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजाब द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी मार्च में ही उपयोग कर चुका है। उनका यह बयान तथ्य से परे है। वास्तविक्ता यह है कि हरियाणा को अभी तक उसका पूरा हिस्सा प्राप्त ही नहीं हुआ है। यदि बीबीएमबी हरियाणा की मांग के अनुसार शेष पानी उपलब्ध कराता है, तो यह भाखड़ा डैम के जल भंडार (रिजर्व वॉटर) का मात्र 0.0001 प्रतिशत होगा। इससे जल भंडार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त, जून से पहले जल भंडार को खाली करना आवश्यक होता है ताकि मानसून के दौरान बारिश के पानी को संग्रहित किया जा सके। यदि जल भंडार में जगह नहीं होगी, तो अतिरिक्त पानी हरिके-पत्तन के रास्ते पाकिस्तान चला जाएगा, जो न तो पंजाब के हित में है और न ही राष्ट्रीय हित में। सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार पंजाब से अनुरोध करती है कि हरियाणा को उसके उचित जल हिस्से की आपूर्ति सुनिश्चित करे।