हिमाचल में सरकारी और व्यावसायिक वाहनों में डस्टबिन जरूरी
पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने के लिए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। प्रदेशभर में सभी सार्वजनिक और व्यावसायिक परिवहन वाहनों में डस्टबिन लगाना अनिवार्य होगा। यह नियम मंगलवार से लागू कर दिया गया है। परिवहन विभाग ने सभी क्षेत्रीय परिवहन दफ्तरों को इसके तत्काल कार्यान्वयन के निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसका मकसद यात्रियों और चालकों के बीच कचरा फैलाने की प्रवृत्ति को कम करना और जिम्मेदार कचरा निपटान को बढ़ावा देना शामिल है। यह नया नियम पुराने और नए दोनों तरह के वाहनों पर लागू होगा, जिनमें टैक्सी, बसें सरकारी और निजी दोनों और अन्य वाणिज्यिक वाहन आएंगे। नए वाहनों को डस्टबिन फिटिंग के बिना पंजीकरण स्वीकृति नहीं दी जाएगी, जबकि पुराने वाहनों को भी शीघ्र ही इस नियम का पालन करना होगा। आलाधिकारियों को निरीक्षण का अधिकार दिया गया है और जिन वाहनों में डस्टबिन नहीं होगा, उनकी पासिंग व पंजीकरण नहीं किया जाएगा।
डस्टबिन न लगाने पर 10 हजार जुर्माना
इस नीति को प्रभावी रूप से लागू करने को सरकार ने कड़े दंड का प्रावधान भी किया है, जिसके तहत व्यावसायिक वाहनों में डस्टबिन न लगाने पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। वाहन के बाहर कचरा फेंकने पर 1500 रुपए का जुर्माना देना होगा। परिवहन अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 29 अप्रैल से सड़क पर निरीक्षण के दौरान चालान जारी कर दिए गए हैं। उच्च जुर्माने की राशि तय करने का मकसद है कि परिवहन ऑपरेटर तेजी से इस नियम का पालन करें और दीर्घकालिक व्यवहार में सुधार लाएं। परिवहन निदेशक ने हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन और निजी ऑपरेटरों दोनों को विशेष निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द अपने वाहनों में डस्टबिन लगवाएं। अगस्त निर्धारित समय सीमा में डस्टबिन नहीं लगाए गए, तो फिर भारी भरकम जुर्माना तैयार रहने की हिदायत भी दी गई है।
उचित कचरा संग्रहण बिंदुओं पर एकत्र करने में करें मदद
वाहनों में डस्टबिन होने से यह सुनिश्चित होगा कि कचरा, विशेषकर खाद्य पैकेट, टिशू पेपर और डिस्पोजेबल पैकेजिंग जैसे जैविक कचरे को सड़कों या सार्वजनिक स्थलों पर फेंकने के बजाए उचित कचरा संग्रहण बिंदुओं पर एकत्र कर निपटाया जाए।
ग्रीन हिमाचल बनाए रखने में करें सहयोग
राज्य में आने वाले सभी यात्रियों से अपील की गई है कि वे इस नई पहल में सहयोग करें, उपलब्ध डस्टबिन का उपयोग करें और स्वच्छता अभियानों का समर्थन करें, ताकि सभी मिलकर हिमाचल को एक स्वच्छ और ग्रीन हिमाचल बना सकें।