तीन बड़े संस्थानों में नहीं रहेगी पेयजल किल्लत
हमीरपुर के तीन बड़े संस्थानों को बहुत जल्द पीने के पानी की समस्या से निजात मिलने वाली है। यह हिमाचल तकनीकी यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैं। पिछले लंबे समय से यह संस्थान खासकर एचपीटीयू और आईएचएम पीने के पानी की सप्लाई प्रॉपर नहीं होने की वजह से दिक्कत का सामना कर रहे हैं। इनकी सप्लाई दाएं-बाएं से ही एडजस्टमेंट करके की गई थी, लेकिन अब इन्हें डायरेक्ट सप्लाई हमीरपुर के हीरानगर स्थित वाटर स्टोरेज टैंक से दी जाएगी। दरअसल हमीरपुर शहर के आसपास नए संस्थानों के स्थापित होने के अलावा आबादी भी बढ़ी है। कुछ इलाकों में नई कॉलोनियां भी तैयार हुई हैं। लोगों ने घर भी बनाए हैं, इसी वजह से पानी की किल्लत जिस स्तर पर यहां बढ़ी है, उसका हल भी हुआ है, अब क्योंकि ब्यास नदी पर बनाई हमीरपुर की पलाही योजना शहर वासियों को काफी राहत दे रही है। इसी योजना से अब हिमाचल तकनीकी यूनिवर्सिटी के कैंपस को डायरेक्ट जलापूर्ति की जाएगी। इसके लिए लाइन तो बिछा दी गई है, टैंक का निर्माण भी हो गया है। ठीक यही स्थिति आईएचएम की है। इस इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट के लिए भी पानी की किल्लत, अब निजात देने वाली है। यहां थोड़ा सा पाइपलाइन का काम बचा है। वह केवल सड़क के एक हिस्से को खोदकर दो-चार दिन में हो जाएगा। इस संस्थान में लगातार पानी की खपत इसलिए भी बड़ी है क्योंकि नए-नए कोर्सेज शुरू हुए हैं और यहां स्टूडेंट की तादाद भी बढ़ी है। हमीरपुर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए पहले से ही अलग पेयजल योजना मौजूद है, लेकिन उसकी कई समस्याएं हैं, जिस कारण यह संस्थान लंबे समय से पानी की किल्लत की समस्या से दो-चार है। इस संस्थान के लिए लौंगणी-मुठान उठाऊ पेयजल योजना आपूर्ति का जिम्मा संभाले हुए है, लेकिन उसमें कई बार पानी गंदला होने की वजह से लिफ्टिंग में दिक्कत आती है। इसी समस्या के हल के लिए अब हीरानगर के मुख्य टैंक से इस संस्थान को पाइपलाइन जोड़ी गई है।
कितना काम बचा
पंप हाउस यानी मशीनरी तो स्थापित कर दी गई है। उसके कनेक्शन भी हो गए हैं, लेकिन असली काम बिजली का है। यहां एक ट्रांसफार्मर स्थापित होना है। उसके बाद बिजली के उपकरण इस पंप हाउस मशीनरी के साथ जोड़े जाएंगे। बस यही सबसे बड़ी दिक्कत है कि इसमें देरी हो रही है और बजट की कमी भी इसके लिए आड़े आ रही बताई गई है क्योंकि पंपिंग मशीनरी तो कई महीने पहले इंस्टॉल हो चुकी है। ट्रांसफार्मर जैसे ही लगेगा, पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।