रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को मिलती, रहेगी 40 प्रतिशत एडवांस पेंशन: सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि अप्रैल माह में रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को कम्युटेशन के तहत मिलने वाली एडवांस पेंशन सुविधा नहीं रोकी जाएगी। 30 अप्रैल (बुधवार) को रिटायर हुए सभी 1500 कर्मचारियों को कम्युटेशन का लाभ मिलेगा, लेकिन भविष्य में कर्मचारियों को कम्यूटेशन देनी है या नहीं, इस पर आगामी कैबिनेट बैठक में विचारविमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कम्युटेशन मामले पर सब कमेटी कैबिनट की बैठक हुई है। कमेटी ने कुछ सिफारिशें की हैं, जिसमें सरकारी कर्मचारियों को 40 फीसदी पेंशन एडवांस पर भी विचार करने की बात कही गई है और सब कमेटी ने कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली कम्युटेशन को बंद करने की सिफारिश की है। अब कैबिनेट में इस पर चर्चा होगी। सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने या न बढ़ाने को लेकर भी कैबिनेट में चर्चा होगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी ने कम्युटेशन से जुड़ी फाइल उन्हें भेज रखी है। इस पर फैसला लेने के लिए उन्हें ओर वक्त चाहिए और विचार विमर्श के बाद अंतिम फैसला कैबिनेट मीटिंग में लिया जाएगा। डिप्टी सीएम की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सब कमेटी ने आर्थिक संकट के दृष्टिगत कम्युटेशन को रोकने की सिफारिश की है। इसकी फाइल मुख्यमंत्री के पास पहुंच गई है। ऐसा करने से कर्मचारियों की रिटायरमेंट की वजह से सरकार पर पडऩे वाले बोझ को कुछ समय के लिए डेफर करने के लिए कम्युटेशन रोकी जा सकती है। इन चर्चाओं से प्रदेश का कर्मचारी वर्ग चिंता में है। खासकर जो रिटायरमेंट एज के आसपास पहुंच गए है।
रिटायरमेंट 58 से बढ़ाकर 59 साल करने पर सरकार गंभीर
कैबिनेट सब कमेटी ने रिटायरमेंट एज भी 58 से बढ़ाकर 59 साल करने का सुझाव मुख्यमंत्री को दिया है। ऐसा करने से सरकार रिटायर होने वाले कर्मचारियों की वजह से देनदारियां एक साल तक टाल सकती है। मगर एक साल बाद ऐसा करने से बोझ डबल हो जाएगा और बेरोजगारी की समस्या ज्यादा गंभीर हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिटायरमेंट एज बढ़ाने का मामला भी सरकार के विचाराधीन है।
प्रदेश में अलग-अलग छात्र-छात्राओं वाले स्कूल एक जगह होंगे मर्ज
प्रदेश के अंदर शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दिशा में अब एक और कदम के तहत छात्र व छात्राओं वाले स्कूलों को मर्ज कर सह शिक्षा वाला बनाया जाएगा। मई माह से इसकी शुरूआत होगी। शिक्षा विभाग इस प्रक्रिया को दो चरणों में पूरा करने की तैयारी कर चुका है। पहले चरण में कक्षा-11वीं व 12वीं का समायोजन कर सह शिक्षा वाला बनाया जाएगा। यानी यदि किसी एक ही स्थान पर अलग-अलग स्कूल हैं, उसे भी मर्ज कर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग स्कूल है, उसे भी मर्ज किया जाएगा। इससे पहले स्कूलों के युक्तिकरण की शुरुआत भी उन्होंने अपने विस क्षेत्र से ही की थी। इसको लेकर विभागीय स्तर पर प्रक्रिया शुरू हो गई है। विभाग का तर्क है कि स्कूल मर्ज होने से छात्रों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और तीनों संकाय के पूरे शिक्षक भी वहां उपलब्ध होंगे। फिलहाल कैबिनेट की मुहर लगना बाकी है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। अब सिर्फ कैबिनेट की मुहर लगना बाकी है। दूसरे चरण में कक्षा 6 से 10वीं तक छात्र व छात्राओं के स्कूलों को भी मर्ज कर दिया जाएगा। इसके लिए जनप्रतिनिधि, विधायक व क्षेत्र के अन्य लोगों से भी सुझाव मांगे जाएंगे। विभाग का तर्क है कि 200 से 500 मीटर की दूरी पर ये स्कूल हैं। इनमें विद्यार्थियों की संख्या काफी कम है। विभाग ने छात्र व छात्राओं के स्कूल को मर्ज करने के लिए कक्षा 6 से 10 तक विद्यार्थियों की संख्या 500 तय की गई है। यदि इससे कम संख्या होती है तो दोनों स्कूलों को मर्ज कर एक ही रखा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इसको लेकर विभाग को निर्देश दिए थे।