दिव्यांगता को मात देकर छात्रा आकृति ने स्पेशल ओलंपिक में जीते दो कांस्य पदक
दिव्यांग छात्रा आकृति, जो पुराना कांगड़ा के गांव की रहने वाली हैं, वर्तमान में सूर्य उदय वोकेशनल सेंटर फॉर स्पेशल नीड चाइल्ड, खनियारा में पढ़ाई कर रही हैं। हाल ही में आकृति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इटली में एथलेटिक्स खेलों में हिस्सा लिया और क्रॉस कंट्रीज, 100 मीटर और 50 मीटर दौड़ में ब्रोंज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। आकृति ने विशेष बातचीत में कहा कि वह अपने खेल सफर पर गौरवान्वित महसूस करती हैं और यह सब संभव हुआ है उसके मातापिता, अध्यापकों और खासकर मेघा मैडम के सहयोग से, जो नहान से हैं और उनकी कोच रही हैं। आकृति ने 2022 में इस खेल को शुरू किया था और इसके बाद ओलंपिक कैंप नारकंडा में तीन बार प्रशिक्षण लिया। आकृति के पिता संजय कुमार, जो पुराना कांगड़ा गांव में दुकान चलाते हैं, अपनी अपनी बेटी की सफलता पर गौरवान्वित हैं। उन्होंने बताया कि पहले आकृति किसी को भी गाली-गलौज कर देती थी और कभी पूरा दिन किसी से बात नहीं करती थी। डीएवी स्कूल में पढ़ाई के दौरान जब स्कूल वालों ने कहा कि वह पढऩे के काबिल नहीं है, तो पूरा परिवार मायूस हो गया, लेकिन फिर उन्हें सूर्य उदय वोकेशनल सेंटर के बारे में पता चला और उन्होंने आकृति को वहां भेजा। संजय कुमार ने कहा हमने तो सपने में भी नहीं सोचा था की आकृति किसी खेल में इस देश के बाहर इटली जैसे शहर में जाएगी। इस सेंटर में पढऩे के बाद आकृति में जिम्मेदारी की भावना आई है। वह अब समाज के लिए भी समझदारी भरी बातें करती है। उन्होंने दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को संदेश दिया कि वे अपने बच्चों की मदद के लिए सक्रिय रहें, क्योंकि इससे बच्चों का विकास और सफलता संभव है। सूर्य उदय चैरिटेबल ट्रस्ट स्कूल एंड वोकेशनल सेंटर 2017 से दिव्यांग बच्चों के साथ काम कर रहा है।