पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर व भाजपा नेताओं ने उपायुक्त के माध्यम से सरकार को सौंपा ज्ञापन, पूछा हिमाचल से कितने पाकिस्तानी वापस भेजे?
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद 140 करोड़ भारतीयों की रक्षा क लिए जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार प्रयास हैं। इस हमले का बदला लेने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। सिंधु नदी जल समझौते को सस्पेंड किया, साथ ही अवैध या वैध रूप से भारत में रह रहे पाकिस्तानियों की वापस भेजने के लिए डेट तय की गई थी, जब सभी राज्यों को जिसमें अवैध या वैध पाकिस्तानियों को वापस भेजना था, लेकिन गैर भाजपा शासित प्रदेशों में यह कार्रवाई न के बराबर हुई है और हिमाचल प्रदेश में भी स्थिति ऐसी है। प्रदेश के 12 जिलों में भी इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं देखी गई, जहां पाकिस्तान से आए वैध और अवैध नागरिकों को वापस भेजने का काम किया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भी पाकिस्तान के नागरिकों को भारत से बाहर भेजने के लिए कार्य करे। इसी के विरोध में भाजपा ने हमीरपुर के गांधी चौक पर धरना-प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार को उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर विधायक आशीष शर्मा, विधायक आईडी लखनपाल, पूर्व विधायक कमलेश कुमारी, पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री, पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, पूर्व जिला अध्यक्ष देस राज विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है कि कांग्रेस को पाकिस्तान की भाषा बोलने पड़ रही है और ऐसी कौन सी मजबूरी है कि पाकिस्तान के नागरिकों को कांग्रेस और गैर भाजपा राज्यों में रखना जरूरी है। हमारा सवाल है कि पाकिस्तान की भाषा कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल क्यों बोल रहे हैं। कांग्रेस के मुख्यमंत्री हों, पूर्व मंत्री हों एक के बाद एक ऐसा बयान आता है कि पाकिस्तान की भाषा बोलने लगते हैं। उन्होंने कहा कि सवाल यह खड़ा होता है कि क्या कांग्रेस पार्टी आज भारत के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि मेरा प्रिदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पूरी सरकार से आग्रह है कि सोमवार को जो यह ज्ञापन दिया है, उसमें जिलाध्यक्ष के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के नागरिकों को प्रदेश से बाहर भेजा जाए और भारत की सीमा से बाहर भेजा जाए।
जातिगत जनगणना को लेकर कांग्रेस का चेहरा बेनकाब
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि स्व. इंदिरा गांधी, स्व. राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी इन सभी के बयान और पत्र जातिगत जनगणना के विरुद्ध रहे हैं। ये लोग आरक्षण के हक में भी नहीं थे, आरक्षण के खिलाफ भी थे। जातिगत जनगणना के खिलाफ भी थे और संविधान को तार-तार करने वाली भी कांग्रेस पार्टी ही है। उन्होंने कहा कि नेहरू नें चिट्ठियाँ लिखकर कहा था, इंदिरा गांधी ने इसका विरोध किया था। यहां तक कि काका कालेलकर की रिपोर्ट को लंबित रखा गया। मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया। मंडल कमीशन की रिपोर्ट के विरोध में राजीव गांधी ने दो घंटे भाषण दिया था। कांग्रेस पार्टी ने 2014 तक भारत में राज किया। 2011 में जनगणना हुई, तब क्यों नहीं जाति जनगणना करवाई। उन्होंने कहा कि नोट पैड पढ़ लीजिए, जिसमें कांग्रेस का चेहरा बेनकाब होता है और जिस रिपोर्ट को राहुल गांधी फर्जी कहते हैं कि फर्जी सर्वे बिहार में हुआ, उस समय कांग्रेस की समर्थन वाली ही बिहार में सरकार थी।