बिना सूचना खोले डैम के फाटक, एचपीपीसीएल सैंज की इस लापरवाही से रातभर खौफ के साये में रहे लोग
न कोई हूटर, न सायरन, न कोई पूर्व सूचना और न ही कोई चेतावनी। रात के अंधेरे में सौ मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली सैंज जल विद्युत परियोजना के निहारानी डैम के फाटक खोल दिए गए। इससे डैम के नीचे बसे क्षेत्र में खासी तबाही हुई। न्यूली, नुनूर बहली, रोपा, करटाह आदि गांव में लोगों द्वारा अपने खर्च पर लगाए गए छोटे पुल क्षतिग्रस्त हो गए। पुल टूटने से दर्जनों गांवों के लोगों को अब आवाजाही करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञान चंद, लाल चंद, यज्ञ देव, कमल सिंह, उत्तम चंद आदि ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार रात करीब दस बजे परियोजना के निहारानी डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया। डैम से पानी छोड़े जाने की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। परियोजना प्रबंधन कई वर्षों से इस तरह की लापरवाही कर रहा है। वर्ष2023 में इसी प्रकार की लापरवाही के कारण डैम के डाउन स्ट्रीम में ग्रामीणों को भारी नुकसान हो चुका है। हर बार तबाही के बाद प्रबंधक गलती को सुधारने का आश्वासन देते हैं, लेकिन हर साल इस तरह की हरकत होती है। डैम से अचानक पानी छोड़े जाने के बाद निहारनी से लेकर मातला तक के दर्जनों गांव के लोग पूरी रात सो नहीं पाए। बाढ़ के खौफ से लोग टॉर्च लेकर घरों से बाहर निकल आए। नदी के आसपास बसे गांव में अफरा-तफरी का माहौल रहा। ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से सैंज परियोजना प्रबंधन पर नकेल कसने व लोगों के जान-माल से खिलवाड़ न करने की मांग की है।
एक पद पर बैठे हैं तीन अधिकारी
सैंज परियोजना में एक पद पर तीन अधिशाषी अभियंता बैठे हुए हैं और इसके बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई है। लोगों का कहना है कि जरूरत से अधिक अधिकारी होने से यहां व्यवस्था बनाने में तालमेल नहीं बैठ पा रहा है, जिससे नियमित तौर पर ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।