मक्कड़-दियोटसिद्ध सड़क के काम के लिए न हो रही ज्वाइंट इंस्पेक्शन, न डिमार्केशन, पेड़ कटान में फंसा रोड का अपग्रेडेशन
मक्कड़-दियोटसिद्ध सड़क अपग्रेडेशन का मामला पेड़ों के कटान को लेकर उलझ गया है, न तो ज्वाइंट इंस्पेक्शन हो रही है, न ही डिमार्केशन और न ही कितने पेड़ कटने हैं, इनकी गिनती हो पा रही है। कारण यही है कि इस महत्वपूर्ण सड़क को टू-लेन टाइप बनाने के काम में बड़ी अड़चन आ चुकी है। अब यह काम पिछले दो महीनों से बंद पड़ा हुआ है। दरअसल में इस सड़क मार्ग में काफी ज्यादा हिस्सा चीड़ जंगल के बीच से होकर निकलता है। अब क्योंकि सड़क थोड़ी खुली हो रही है तो कई छोटे-बड़े पेड़ भी कटने हैं। आधे पेड़ तो वैसे ही पहले से ही गिरने वाली स्थिति में हैं। अब यदि इन्हें काटा नहीं गया, तो सड़क खुली कैसे होगी? इसी समस्या के हाल के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने पेड़ों की डिमार्केशन करवाने और इसे ऑनलाइन अपलोड करने को कहा था, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग अभी तक इसमें कामयाब नहीं हो पाया है। यह काम पिछले एक महीने से चल रहा है, लेकिन अंतिम पड़ाव इसका कब आएगा, पता नहीं? इसीलिए लेट लतीफी जारी है।
समस्या का जल्द होगा हल : जेई राकेश
पीडब्ल्यूडी के जेई राकेश चंदेल का कहना है कि ऑनलाइन पोर्टल पर इसका ब्योरा दे दिया गया है। इसके बाद डीएफओ की अगुवाई में ज्वाइंट इंस्पेक्शन होगी। कितने पेड़ कटने हैं, चिन्हित हो जाएगा। उसके बाद डीएम कॉरपोरेशन इनका कटवान करवाएंगे। इस काम में थोड़ा सा वक्त लगेगा। यह प्रक्रिया जल्दी हल होने की उ्मीद है। अगले कुछ दिनों में यह सारी समस्या हल हो जाएगी, देरी निश्चित रूप में हुई है।
कार्य पर खर्च हो रहे 19 करोड़
डीएफओ अंकित कुमार का कहना है कि उन्होंने दो सप्ताह पहले संबंधित विभाग को ऑनलाइन पोर्टल पर इसकी एप्लीकेशन और संबंधित दस्तावेज डालने के लिए कहा था, लेकिन अभी तक यह काम पीडब्ल्यूडी की तरफ से नहीं हो पाया है क्योंकि ऑनलाइन प्रक्रिया ही पीडब्ल्यूडी को इस काम में जल्द समस्या का हल करवाएगी। उसी के बाद पेड़ों को काटने का काम शुरू होगा। पहले यह चिन्हित तो हो जाए कि कितने पेड़ हैं। इस सड़क मार्ग पर तकरीबन 19 करोड़ रुपए खर्च जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भूमि पूजन से किया था शुभारंभ का कार्य।