आउटसोर्स भर्तियों में धांधलियों की हो विजिलेंस जांच: चमन राही
मंडी के गांधी भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में अखिल भारतीय दलित पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग परिषद के महासचिव एवं राज्य प्रवक्ता चमन राही ने कहा कि आउट सोर्स भर्तियों की विजिलेंस जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आउट सोर्स नीति से कंपनियों को फायदा और लोगों को नुकसान होता है। ऐसे में हम सुक्खू सरकार के उस फैसले का स्वागत करते हैं, जिसमें आउटसोर्स भर्तियों को बंद करके नई नीति बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कंपनी ने सत्तापक्ष के नेताओं द्वारा दी गई अति गरीब तबके के लोगों की सूची को भी दरकिनार कर दिया और साधन संपन्न लोगों को नौकरियां दी गई। इसको लेकर आम लोगों में भारी रोष है। हजारों युवाओं द्वारा दी गई इंटरव्यू में आई मेरिट को भी दरकिनार किया गया। उन्होंने कहा कि यदि विजिलेंस इसकी जांच नहीं करती है, तो हम परिषद अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। चमन राही ने नेशनल हेल्थ मिशन के तहत हिमाचल प्रदेश में भरी जा रही 1450 पोस्टों को लेकर सवालिया निशान खड़े किए हैं। उन्होंने मामले को लेकर के गंभीर आरोप लगाते हुए चीफ सेक्रेटरी प्रमोद सक्सेना से की जा रही भर्तियों की विजिलेंस जांच करवाने और आउटसोर्स भर्तियों को खत्म किए जाने की मांग की है। चमन राही ने कहा कि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत प्रदेश भर में 622 स्टाफ नर्स, 138 ऑपरेशन थिएटर सहायक, 530 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, 24 फार्मासिस्ट, एक फिजियोथैरेपिस्ट मनोवैज्ञानिक इत्यादि 1450 पदों को भरने की प्रक्रिया आरंभ हुई है, लेकिन आउटसोर्स कंपनी ने नियमों को ताक पर रखते हुए ना तो रोस्टर लागू किया है और ना ही अनुसूचित जाति जनजाति, भूतपूर्व सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानियों के लिए कोटे का प्रबंध किया है। उन्होंने कहा कि इन भर्तियों में धंधलियां हुई हैं, भाई भतीजावाद हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने इस मामले को स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल से भी उठाया है। लंबे समय से आउटसोर्स कंपनियां चांदी कूट रही हैं और भारतीयों में भाई भतीजावाद करती हैं। उन्होंने इसकी विजिलेंस जांच की मांग की है। इस अवसर पर कर्मचंद भाटिया अनूसूचित विभाग जिलाध्यक्ष कांग्रेस, बल्ह सुधार सभा अध्यक्ष एवं पूर्व प्रदेश सचिव सेवादल यशवंत गुलेरिया, वर्ग परिषद के जिलाध्यक्ष चंद्रवीर कागरा, झुग्गी झोपड़ी सभा अध्यक्ष विनोद आदि उपस्थित रहे।