झंडूता के ठप्पर गांव में 10 दिन से पेयजल आपूर्ति ठप
झंडूता उपमंडल की बलघाड पंचायत के ठप्पर गांव में पिछले 10 दिन से पेयजल आपूर्ति पूरी तरह ठप है। जल संकट से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं और टैंकर मंगवाने को मजबूर हैं। गर्मियों की शुरुआत में ही जलशक्ति विभाग की लापरवाही खुलकर सामने आ गई है, जिससे ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। स्थानीय निवासी सुमन प्रजापति ने बताया कि पानी की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। अब 10 दिन से नलों में पानी की एक बूंद भी नहीं आई। इस महंगाई के दौर में हमें पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है। घर में रोजमर्रा के कामों के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गृहिणी अंजना ने जल विभाग पर निशाना साधते हुए कहा कि गर्मियां आते ही जल विभाग की नाकामी सामने आ जाती है। पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। घर में छोटे बच्चे हैं, जिन्हें इस संकट की सबसे ज्यादा मार झेलनी पड़ रही है। नहाने, खाना बनाने और पीने के लिए पानी तक नहीं है। यह स्थिति अब बर्दाश्त से बाहर है।
पानी का टैंकर मंगवाना आसान नहीं
गांव के गोपाल ने कहा कि 10 दिन से पीने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं मिला है। सड़क से हमारा घर काफी दूर है। टैंकर मंगवाना आसान नहीं और अगर मंगवा भी लें तो पानी को घर तक ले जाना बेहद मुश्किल है। ऊंचाई पर बसे होने के कारण यह समस्या और जटिल हो जाती है। ठप्पर गांव की भौगोलिक स्थिति इसे और चुनौतीपूर्ण बनाती है। ग्रामीणों का कहना है कि जलशक्ति विभाग को इस समस्या की जानकारी कई बार दी जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गर्मियों में पानी की मांग बढऩे के साथ यह संकट और गहरा गया है। टैंकरों का खर्च वहन करना हर परिवार के लिए संभव नहीं।
ग्रामीण बोले- जल्द की जाए समस्या हल
ग्रामीणों ने जलशक्ति विभाग और स्थानीय प्रशासन से तत्काल इस समस्या का समाधान करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द पानी की आपूर्ति बहाल नहीं की गई, तो वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीणों ने मांग की है कि गांव में नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए और भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए, जैसे कि नई पाइपलाइन बिछाना या वैकल्पिक जल स्रोतों की व्यवस्था करना।