आतंकी हमले के विरोध में घुमारवीं में निकाली रोष रैली
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले के विरोध में बुधवार को घुमारवीं बाजार दोपहर तक बंद रहा। हमले की खबर से पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय व्यापारियों और सामाजिक संस्था संवेदना ने हमले के विरोध में बाजार बंद कर रोष प्रदर्शन किया। बुधवार सुबह संवेदना संस्था के आह्वान पर स्थानीय व्यापारी और नागरिक दकड़ी चौक पर एकत्र हुए और यहां से एसडीएम कार्यालय तक रोष रैली निकाली गई। प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद और सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान लोगों में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला। रैली के बाद संस्था के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन एसडीएम घुमारवीं को सौंपा। ज्ञापन में भारत सरकार से यह मांग की गई कि वह कश्मीर घाटी सहित सम्पूर्ण भारत से रेडिकल इस्लामिक आतंकवाद और रेडिकल इस्लामिक आतंकियों के समूल विनाश के लिए कठोर कदम उठाए।
हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाना निंदनीय : विशाल नड्डा
संवेदना संस्था के प्रमुख विशाल नड्डा ने कहा कि मंगलवार को हुए हमले में हिंदू पहचान के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाया गया जो कि अत्यंत निंदनीय और अमानवीय है। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल मानवता पर नहीं, बल्कि पूरे हिंदू समाज पर सीधा हमला है। आतंकी चुन-चुन कर हिंदू पर्यटकों की पहचान कर उन्हें गोलियों से भूनते रहे। यह सिलसिला अब रुकना चाहिए। साथ ही उन्होंने बंगाल के मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई हिंसात्मक घटनाओं का भी हवाला दिया, जहां हिंदुओं पर हमला, लूटपाट और महिलाओं के साथ अभद्रता के आरोप लगे हैं। ज्ञापन के माध्यम से यह भी मांग की गई कि भारत सरकार उन आतंकी तत्वों के खिलाफ उसी भाषा में जवाब दे, जिसे वे समझते हैं। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि लगातार हो रहे इन हमलों से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकारें और प्रशासन इन ताकतों के सामने पंगु हो गए हैं, जिससे आमजन का विश्वास डगमगाने लगा है। संवेदना संस्था ने बंगाल और पहलगाम हमले में मारे गए सभी हिंदुओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों को हरसंभव सहायता देने की अपील की।साथ ही यह स्पष्ट किया कि हिंदू समाज इस कठिन समय में एकजुट है और आतंकवाद के खिलाफ सरकार के हर ठोस कदम में उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।