ऊना-हमीरपुर सपनों की रेल पर हावी सियासी खेल?
करीब एक दशक से अधिक समय हो गया, लेकिन हिमाचल की चर्चित ऊना-हमीरपुर ब्रॉडगेज रेल लाइन सपनों की रेल बनकर रह गई है। अब इसमें सियासत हावी होने लगी है। वादा किसी सांसद का था। इसके साथ ही यह सपना किसी पूर्व मुख्यमंत्री ने भी देखा था, लेकिन धरातल पर उतरने के लिए प्रयास शून्य हैं। आठ साल पहले केंद्र सरकार ने ऊना से हमीरपुर रेल परियोजना की सैद्धांतिक स्वीकृति दी थी। हद तो यह है कि आठ साल से बजट में इसे महज औपचारिक जिंदा रखा गया है। यह प्राथमिकता किसी नेता की नहीं रही है और अब केंद्र ने इसमें हिमाचल की पचास फीसदी हिस्सेदारी की शर्त रखकर इस परियोजना को सियासी फेर में फंसा दिया है। हिमाचल सरकार की यह रेललाइन भले ही प्राथमिकता में नहीं है, लेकिन सियासी तौर पर हिमाचल को हिस्सेदारी की शर्त रखकर कहीं न कहीं लोगों की नजर में केंद्र सरकार ने बीच का रास्ता पकड़ा है। सांसद से जब सवाल होगा तो बहाना अच्छा होगा कि राज्य सरकार नहीं चाहती, क्योंकि राज्य सरकार ने इतनी बड़ी परियोजना में पचास फीसदी हिस्सेदारी की शर्त को पूरा करने में असमर्थता जता दी है। हालांकि, भानुपली से बैरी बिलासपुर रेललाइन के लिए हिमाचल को 25 फीसदी, जबकि नंगल से तलवाड़ा की शतप्रतिशत केंद्र खर्च वहन कर रहा है। ऊना-हमीरपुर नई ब्रॉड गेज लाइन 2017-18 में स्वीकृत हुई थी। इससे पहले सांसद अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर तक रेल पहुंचाने का लोगों से वादा किया था। ऊना-हमीरपुर नई ब्रॉड गेज लाइन 54.1 किलोमीटर लंबी है। डीपीआर के अनुसार, परियोजना की कुल लागत 5821.47 करोड़ रुपए है, जिसमें 7.37 फीसदी रिटर्न की दर है। भूमि अधिग्रहण पर कुल व्यय 832.49 करोड़ रुपए है। भारत सरकार चाहती है कि हिमाचल सरकार परियोजना की 50 फीसदी लागत लगभग 2910.735 करोड़ रुपए वहन करे। जानकारी के अनुसार हिमाचल सरकार परियोजना की 50 फीसदी लागत साझा करने के लिए सहमत नहीं हुई है। रेलवे की मानें तो हिमाचल के दो जिलों ऊना और हमीरपुर को रेल लाइन से जोडऩे के संबंध में विस्तृत परियोजना की डीपीआर तैयार कर ली गई है। डीपीआर के अनुसार, इस परियोजना की अनुमानित लागत 3361 करोड़ रुपए है। भारत सरकार चाहती है कि हिमाचल सरकार परियोजना की 50 फीसदी लागत लगभग 2910.735 करोड़ रुपए वहन करे। जानकारी के अनुसार, हिमाचल सरकार परियोजना की 50 फीसदी लागत साझा करने के लिए सहमत नहीं हुई है। रेलवे की मानें तो हिमाचल के दो जिलों ऊना और हमीरपुर को रेल लाइन से जोडऩे के संबंध में विस्तृत परियोजना की डीपीआर तैयार कर ली गई है। डीपीआर के अनुसार, इस परियोजना की अनुमानित लागत 3361 करोड़ रुपए है।
सांसद सिकंदर ने राज्यसभा में उठाया था मामला
हिमाचल से राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने राज्यसभा में ऊना रेलवे लाइन को हमीरपुर तक बढ़ाने और भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन के लिए समुचित धन का प्रावधान कर इसके कार्य में तेजी लाने का मामला उठाया था। केंद्रीय रेल मंत्री ने सांसद सिकंदर को इसका जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि ऊना से हमीरपुर तक नई रेललाइन की लंबाई 41 किलोमीटर होगी। इस रेललाइन की 3361 करोड़ की डीपीआर तैयार कर ली गई है और डीपीआर केंद्र सरकार के विचाराधीन है। वहीं, विधायक विवेक शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार और सांसद चाहते तो यह रेललाइन बिना शर्त बना सकते थे। शर्त लगाना सीधे तौर पर सियासत करने का प्रयास किया जा रहा है।