जिस आत्मा का जन्म नहीं होता उसका बंधन नहीं हो सकता : श्री हरि महाराज
ब्राह्मण सभा सुंदरनगर के सौजन्य से बीएसएल कालोनी स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान आचार्य श्री हरि महाराज ने प्रभु महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि आत्मा अजर अमर है। पंचतत्व का बना यह शरीर तभी तक कार्यशील है जब तक उसमें आत्मा रहती है। जब आत्मा शरीर से निकलती है तो उनको ज्यादा कष्ट होता है जिनका जीवन पापमय रहता है। जिन्होंने अपना जीवन ईश्वर को समर्पित कर दिया है उन्हें कष्ट नहीं होता है। परमात्मा के नाम का जाप जो भी करता है उसका जीवन पापमुक्त रहता है। इस दौरान उन्होंने अनेक भजनों के साथ वातावरण को भक्तिमय बनाया। उन्होंने कहा कि जीवन रूपी नाव पर सवार होकर मनुष्य को पाप कर्मों से दूर रहकर सत्कर्मों में अपना जीवन और समय व्यतीत करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने प्रभु की लीलाओं का बखान किया।