पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से गूंजा जोगिंद्रनगर, बाजार बंद कर जताया आक्रोश, थाना चौक पर हुआ पुतला दहन
कश्मीर घाटी में हाल ही में हुए अमानवीय कृत्य के खिलाफ जोगिंद्रनगर में जनाक्रोश चरम पर पहुंच गया। मंगलवार के बाद बुधवार को भी शहरवासियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। शहर के सभी प्रमुख व्यापारिक संस्थान सुबह 11 बजे तक पूरी तरह से बंद रहे। गुस्साए नागरिकों ने पाकिस्तान विरोधी नारों के साथ जुलूस निकाला और थाना चौक पर पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज करवाया। प्रदर्शन की अगुवाई स्थानीय सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने मिलकर की। अन्नपूर्णा आश्रम के संचालक राममोहन दास रामायणी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि देश की अस्मिता पर हमला किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर में देशभक्तों पर हो रहे हमले चिंता का विषय हैं और केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि "यदि हालात ऐसे ही बने रहे तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात बनने में देर नहीं लगेगी।" शहर की सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा, जिन्होंने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर नारेबाजी की — "पाकिस्तान मुर्दाबाद", "आतंकवाद हो बर्बाद", "कश्मीर हमारा है और रहेगा"। प्रदर्शन के दौरान युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विशेषकर स्कूली और कॉलेज छात्र भी राष्ट्रभक्ति के जोश से लबरेज दिखे। इस मौके पर व्यापार मंडल अध्यक्ष भास्कर गुप्ता, सतवीर शर्मा, जोगिंद्रनगर पांडे, दामोदर, दुर्गा वाहिनी की खुशबू शर्मा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य शांतिस्वरूप शर्मा, गुरुशरण परमार, महिला मोर्चा अध्यक्ष अंजना शर्मा, मंडल अध्यक्ष संजीव शर्मा, जिला परिषद लडभड़ोल से ममता भाटिया सहित अनेक सामाजिक संगठनों के सदस्य भी उपस्थित रहे। व्यापारियों ने भी एकजुटता दिखाते हुए अपनी दुकानें स्वेच्छा से बंद रखीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह प्रदर्शन किसी संगठन का नहीं बल्कि जनता की भावना का प्रतीक है, जो अब चुप नहीं बैठना चाहती। हालांकि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन पुलिस बल पूरे समय तैनात रहा ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। थाना चौक पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे, जिन्होंने प्रदर्शन को नियंत्रित ढंग से संपन्न करवाया। अंत में रामायणी ने सभी से अपील की कि वे जागरूक रहें, संगठित रहें और राष्ट्रविरोधी ताकतों के विरुद्ध एकजुट होकर संघर्ष करें। यह प्रदर्शन केवल एक चेतावनी है — यदि कठोर कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में आंदोलन और अधिक व्यापक और उग्र हो सकता है। यह प्रदर्शन जोगिंद्रनगर की जनता की देशभक्ति और जागरूकता का प्रतीक बनकर सामने आया, जिसमें हर वर्ग ने अपनी सहभागिता निभाई।