वमल नेगी को विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे थे परेशान
हिमाचल प्रदेश में विमल नेगी की मौत का मामला लगातार विवादों में घिरता जा रहा है। हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। विपक्ष जहां नए तथ्य पेश कर सत्तापक्ष की परेशानी बढ़ा रहा है, वहीं सत्तापक्ष विपक्षी पार्टी भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगा रहा है। जानकारी मिली है कि विमल नेगी की मौत में उनके वरिष्ठों की भूमिका को उत्तरदायी माना जा रहा है। उनसे निर्धारित अवधि से ज्यादा काम करवाया जाता था और उन पर अनावश्यक कार्य करने का दबाव भी बनाया जाता था, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या जैसा जानलेवा कदम उठाया। यह रिपोर्ट अभी सीलबंद लिफाफे में कैद है। सुक्खू सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री दफ्तर में जमा करवा दिया है, जो अब रिपोर्ट उनके शिमला पहुंचने के बाद ही सार्वजनिक होगी और पता चलेगा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने विमल नेगी मौत के पीछे और क्या-क्या कारण रहे हैं। इसके अलावा ओंकार शर्मा द्वारा की गई मौत की जांच से निकली 66 पन्नों की रिपोर्ट बुधवार को पेश की गई थी। जांच रिपोर्ट से संकेत मिले हैं कि हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता, जो पिछले महीने मृत पाए गए थे, को विभाग में उनके वरिष्ठ अधिकारी परेशान कर रहे थे। गौरतलब है कि विमल नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और उनका शव 18 मार्च को बिलासपुर में एक जलाशय से निकाला गया था। हालांकि, अधिकारी रिपोर्ट के बारे में कुछ नहीं बता रहे हैं, लेकिन सूत्रों ने दावा किया है कि जांच में नेगी को निर्धारित आठ घंटे के बजाए करीब 12 घंटे काम कराया जाता था।
कई लोगों से हुई पूछताछ
जांच के लिए एचपीपीसीएल के एमडी हरिकेश मीना, कार्मिक एवं वित्त निदेशक शिवम प्रताप और निदेशक (विद्युत) देशराज समेत करीब 20 से 25 लोगों से पूछताछ की गई। एचपीपीसीएल के निदेशक (विद्युत) और प्रबंध निदेशक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने और संयुक्त आपराधिक दायित्व का मामला दर्ज किया गया।