किसानों ने की नगदी फसलों की बुआई शुरू
छोटा भंगाल घाटी के समस्त किसानों ने हल जोताई के बाद अब बहुत कम मात्रा में आलू की नगदी फसल को बिजना शुरू कर दिया है, वहीं साथ में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी नगदी फसल बंद गोभी की पनीरियों को अपने-अपने खेतों तैयार करने के लिए नर्सरियां बनाकर बंद गोभी का बीज बो रहे हैं। वहीं नर्सरियों के ऊपर जालिया भी लगा रहे हैं ताकि आने वाले दिनों में भारी ओले गिरने से नर्सरियों में तैयार होने वाली पनीरियों को कोई हानि न पहुंचे। उधर, चौहार घाटी के किसान नगदी फसल आलू की अपने-अपने खेतों में बम्पर बीजाई करने के बाद अब नगदी फसल बंद गोभी की पनीरियों को अपने -अपने खेतों तैयार करने के लिए नर्सरियां बना कर बंद गोभी का बीज बो रहे हैं। नर्सरियों के ऊपर जाली लगा रहें हैं ताकि भारी ओले गिरने से नर्सरियों में तैयार होने वाली पनीरियों को कोई हानि न पहुंचे। चौहार घाटी के दुर्गम गांवों के किसान भी आलू की नगदी फसल की गत लगभग एक माह पूर्व ही बिजाई कर देने के बाद अब आलू के छोटे–छोटे पौधे खेतों से बाहर निकलने के चलते घाटी के गाँवों के किसान आलू की निड़ाई करने के साथ-साथ भारी मात्रा में बंद गोभी, फुल गोभी, धनिया, चकुंदर, मूली, ब्रोकली गोभी की खेती कई सालों से करने के चलते इस बार भी किसानों ने अपने-अपने खेतों में नर्सरियां बनाकर बंद गोभी का बीज बो दिया है। घाटी के किसानों में डागी राम, नरपत, सतपाल, बुधी सिंह, सुभाष चंद आदि का कहना है कि उन्होने इस बार चार हजार से लेकर छब्बीस हजार तक बंद गोभी की पनीरियां को तैयार करने के लिए अपने-अपने खेतों में बंद गोभी के बीज की बीजाई कर दी है। उसके बाद पनीरियों के पूरी तरह से तैयार होने पर मई माह के दूसरे सप्ताह से सभी किसान बंद गोभी की पनीरियों को अपने खेतों में लगना शुरू कर देंगे।