जोगिंद्रनगर में अब सरकार परोसेगी शराब
अब जोगिंद्रनगर में शराब की बिक्री पर सरकार ने खुद कमान संभाल ली है। निजी ठेकों की नीलामी में ठेकेदारों की बेरुखी के चलते सरकार ने नागरिक आपूर्ति निगम (सिविल सप्लाई) के माध्यम से शराब बेचने का निर्णय लिया है। बुधवार को बस स्टैंड के पास स्थित पुराने बंद पड़े ठेके को सिविल सप्लाई ने अपने नियंत्रण में लेकर औपचारिक रूप से दुकान शुरू कर दी। अब यहीं से सरकारी शराब बिक्री की शुरुआत हो गई है। क्षेत्र में किसी भी ठेकेदार ने शराब ठेका लेने में रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत खुद शराब बेचने का फैसला लिया है, जिससे न केवल शराब की नियमित आपूर्ति बनी रहे, बल्कि सरकार को मिलने वाला राजस्व भी सुनिश्चित किया जा सके।
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हिमाचल में 60 ठेकों की कमान सिविल सप्लाई के हाथों में
यह स्थिति केवल जोगिंद्रनगर तक सीमित नहीं है। पूरे हिमाचल प्रदेश में अब तक 60 शराब ठेके ऐसे हैं जिन्हें नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा संचालित किया जा रहा है। निजी कंपनियों और ठेकेदारों की उदासीनता के कारण राज्य सरकार ने इन ठेकों को सीधे सरकारी नियंत्रण में लेने का फैसला किया है।
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जोगिंद्रनगर में मिलेंगे नौ सरकारी ठेके
नागरिक आपूर्ति निगम जोगिंद्रनगर के अधिकारी रूपेश शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में कुल नौ स्थानों पर सिविल सप्लाई के माध्यम से शराब बिक्री की अनुमति दी गई है। इनमें जोगिंद्रनगर (दो ठेके), हराबाग, बस्सी, मच्छयाल, मेन भरोला, मकरीडी, बसाही और द्रुब्बल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी दुकानों में प्रिंट रेट यानी निर्धारित मूल्य पर ही शराब उपलब्ध करवाई जाएगी।
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फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
सरकार के इस निर्णय पर स्थानीय लोगों की राय बंटी हुई नजर आ रही है। कुछ लोगों ने इसे सामाजिक दृष्टिकोण से गलत बताते हुए विरोध किया है, तो वहीं कई लोगों ने सरकारी नियंत्रण को पारदर्शिता और नियमितता का कदम माना है। अब देखना होगा कि सरकार की यह नई व्यवस्था कितना प्रभावशाली साबित होती है और जनता इसे किस रूप में स्वीकार करती है।