13 साल बाद मणिकर्ण प्रवास पर जाएंगे बड़ा देव मतलोड़ा
जिला मंडी की सराज घाटी के महामहिम बड़ा देव देव मतलोड़ा 25 अप्रैल को प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मणिकर्ण के लिए रवाना होंगे। देवता के हारीयान कौर सिंह ठाकुर ने बताया कि इस बार देवता 13 साल बाद पवित्र तीर्थ में स्नान करने के लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देवता 25 अप्रैल को चोठ कोठी से प्रस्थान करेंगे और रात्रि विश्राम मांझी हार के एक गांव में किया जाएगा। 26 अप्रैल को देवता पनारसा में और 27 को भूंतर में ठहराव होगा। 30 अप्रैल को मणिकर्ण तीर्थ में देवता अपने हारीयानों के साथ स्नान करेंगे। क्या है विशेष- देवता के प्रवास कार्यक्रम में इस बार देऊलूओ की ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज होगी। देव कमेटी के अध्यक्ष ओम प्रकाश एवं कारदार बीरबल का कहना है कि देवता के साथ इस दौरान 5 हजार से भी ज्यादा देऊलू पैदल शामिल रहेंगे। यह आंकड़ा अगर सही रहा तो न केवल एक नया रिकॉर्ड होगा बल्कि इस दौरान एनएच 21 पर यात्रा के चलते प्रशासन को भी काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। गौरतलब है कि देव श्री मतलोड़ा जिला मंडी एवं कुल्लू के एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनकी सबसे बड़ी हारें हैं और आधे से ज्यादा सराज में इनकी मुख्य देवता के रूप में मान्यता है। देवता को विष्णु रूप में पूजा जाता है। इस दौरे की विशेषता यह भी है कि देवता के सात हार से चुनिंदा वाद्ययंत्री भी देवता के लाव लश्कर में शामिल रहेंगे। माना जा रहा है कि पूरे वाद्ययंत्री समूह में सेंकड़ों वाद्ययंत्र बजाने वाले अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। मंडी एवं कुल्लू के समूचे देव समाज मे देवता के इस दौरे की ज़बर्दस्त चर्चा है।