एनएचएआई की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे वाहन चालक
मंडी-पठानकोट फोरलेन निर्माण कार्य में हो रही लापरवाही अब वाहन चालकों और स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। फोरलेन समन्वय समिति के अध्यक्ष चिन्त राम ठाकुर व सचिव महेंद्र गुलेरिया ने एनएचएआई और निर्माण कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पधर से बिजनी तक के कार्य में सुरक्षा मानकों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि निर्माण के दौरान न तो डायवर्जन के संकेत लगाए जा रहे हैं, न ही अलर्ट टेप का इस्तेमाल हो रहा है। सड़कों पर बने गड्ढे नहीं भरे जा रहे, और वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए पानी का छिड़काव भी न के बराबर है। वहीं लिंक रोडों की दशा इतनी खराब है कि कई पंचायत प्रधान स्वयं के खर्चे से मरम्मत करवाने को मजबूर हैं। स्थानीय ग्रामीण राज कुमार, ललित कुमार, दलीप सिंह, हेम सिंह, कुंदन लाल, ज्योति प्रकाश तथा राम लाल का कहना है कि एनएचएआई जनसुनवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं निभा रही है और ऐसा व्यवहार करती है जैसे सड़कें उनकी निजी संपत्ति हों। निर्माण कार्य के चलते बसों, स्कूल वाहनों और अन्य गाड़ियों की आवाजाही बाधित हो रही है, जिससे यात्रियों को समय पर गंतव्य तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। ड्राइवरों को समय की भरपाई के लिए गाड़ियों को तेज दौड़ाना पड़ता है, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों ने बताया कि एक हालिया घटना में पाली के पास एक लोडेड ट्रक डायवर्जन और चेतावनी टेप न होने के चलते निर्माणाधीन सड़क पर ही चला गया और थोड़ा आगे जाकर सड़क धंसने से ट्रक पलटने की स्थिति में आ गया। हालांकि चालक की जान बाल-बाल बची। यह घटना एनएचएआई की लापरवाही की जीवंत तस्वीर पेश करती है। समिति ने सरकार से मांग की है कि एनएचएआई को इन हादसों के लिए जवाबदेह बनाया जाए और निर्माण कार्य की निगरानी के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। साथ ही, सड़कों के रखरखाव को प्राथमिकता दी जाए ताकि आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।