सरकार पुराने मंदिरों को अपने अधीन लेकर वहां गौशाला भी बनाए
प्रदेश सरकार एक प्रावधान बनाकर पुराने मंदिरों को अपने अधीन लेकर वहां गौशाला भी बनाए जाने की मांग लंबित हो चली है। आवारा पशु जिनमें खासकर गाय उपेक्षित हालत में दर -दर की ठोकरें खा रही है पिछले कई वर्षों से किसानों सहित अन्य कई क्षेत्रों में जी का जंजाल बने हैं जिनकी संख्या मेलों -उत्सवों के दौरान या समाप्ति पर अत्यधिक बढ़ जाती है। आवारा पशु नियंत्रण नीति बनाने के लिए कई -कई बार मांग उठाई गई मगर इस दिशा में किसी भी किस्म की कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। इसके साथ ही यह भी मांग बार-बार उठ रही है कि जहां जहां मंदिर हैं वहां एक गौशाला का निर्माण भी किया जाना चाहिए ताकि खराब हालत में इधर-उधर मंडरा रहे इन पशुओं को सहारा मिल सके और इसके लिए पुराने बड़े मंदिरों से अच्छी जगह शायदऔर कहीं भी नहीं हो सकती। बुद्धिजीवी लोगों का कहना है कि पुराने मंदिरों के एक बड़े भाग में बहुत भूमि है जहां गौरक्षा के लिए यह हितकारी कार्य आसानी से किया जा सकता है और आवारा पशुओं को अपने हाल में छोड़ने के लिए भी सख्त कानून बनना जरूरी ही नहीं बल्कि समय की भी मांग है। लोगों ने प्रदेश सरकार से पुरजोर मांग की है कि शीघ्र ही मंडी जिले के एक बड़े भाग में पुराने मंदिरों को सरकारी तौर पर अपने अधीन लेकर वहां गौशाला निर्मित करे।