कालाअंब में फार्मा किंग पर 83 वर्षीय पूर्व निदेशक ने लगाया धोखाधड़ी, मारपीट और हत्या की साज़िश का आरोप
औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब स्थित सिम्बायोसिस फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक जगबीर सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक गंभीर एफआईआर दर्ज होने से सनसनी फैल गई है। 83 वर्षीय शिकायतकर्ता, नारायणगढ़ (हरियाणा) निवासी विश्वंभर दयाल गुप्ता ने न केवल धोखाधड़ी और मारपीट का आरोप लगाया है, बल्कि अपने बेटे की रहस्यमय मौत में भी जगबीर सिंह की संलिप्तता की आशंका जताई है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता विश्वंभर दयाल गुप्ता, जो कभी सिम्बायोसिस फार्मास्यूटिकल्स और साइटेक मेडिकेयर जैसी कंपनियों में जगबीर सिंह के साथ भागीदार थे, ने आरोप लगाया है कि मतभेद होने के बाद जगबीर सिंह ने उन्हें प्रताड़ित करना और धमकाना शुरू कर दिया था। गुप्ता का आरोप है कि, 15 मार्च 2025 को एक बोर्ड बैठक में जगबीर सिंह ने उन्हें जबरन कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की और विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जगबीर सिंह और उनके साथियों में शामिल शीतल दास शर्मा, हरप्रीत सिंह, भरत सिंह सैनी और पंकज कपूर ने उनकी संपत्ति के महत्वपूर्ण कागजात चुरा लिए और अब उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। बता दे कि इस मामले में एक और चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब विश्वंभर दयाल गुप्ता ने 7 जून 2021 को अपने बेटे नवनीत गुप्ता की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत का जिक्र किया और अब उन्हें संदेह है कि जगबीर सिंह इस घटना में भी शामिल हो सकता है। इस गंभीर आरोप ने मामले की संवेदनशीलता को और बढ़ा दिया है। गुप्ता का कहना है कि जंगवीर वीर सिंह ने जानबूझकर उसके बेटे को फैक्ट्री में ही रोक लिया था। सुबह केवल एक सूचना आई कि उनके बेटे का फैक्ट्री में देहांत हो गया है। मामला पूरी तरह से शक घेरे में था। गुप्ता का कहना है कि उसके बेटे की मौत दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या थी। काबिले गौर हो कि सिम्बायोसिस दवा फैक्ट्री में कभी सबसे कम शेयर के साथ प्रवेश करने वाले जगबीर सिंह पर षड्यंत्र और छल रचकर कई पुराने निदेशकों को बाहर का रास्ता दिखाने के आरोप लगते रहे हैं। गुप्ता भी इसी कथित षड्यंत्र का शिकार हुए, जिन्हें न केवल फैक्ट्री से अपमानजनक तरीके से निकाला गया, बल्कि उन पर झूठे आरोप लगाने की भी साजिश रची गई। सिम्बायोसिस फार्मास्यूटिकल्स के वर्तमान कर्ताधर्ता जगबीर सिंह की छवि पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले ‘प्रदूषण किंग’ के तौर पर भी विवादास्पद रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उन पर भारी जुर्माना लगाया जा चुका है और फैक्ट्री की बिजली तक काटने के आदेश जारी हो चुके हैं। आरोप यह भी हैं कि जगबीर सिंह न केवल ड्रग विभाग बल्कि अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी षड्यंत्र रचने से बाज नहीं आते। बहराल सहायक उप निरीक्षक रविंद्र ठाकुर को इस सनसनीखेज मामले की जांच सौंपी गई है। पुलिस अब आरोपों की गहराई से पड़ताल करेगी और सच्चाई सामने लाएगी। विशंभर गुप्ता का कहना है कि उन्हें इस बात का भी खौफ सता रहा है कि जगबीर सिंह कोई हादसा दिखाकर उनकी हत्या करवा दे। इस घटना ने कालाअंब के औद्योगिक क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है और हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि इस हाई-प्रोफाइल विवाद का क्या नतीजा निकलता है। वहीं लोगों में यह भी की कथित आरोपी जगबीर सिंह पैसे के दम पर हर अपराध को मैनेज कर लेता है। अब देखना यह भी होगा सिरमौर पुलिस इस मामले में कितना निष्पक्ष रोल अदा कर पाती है। उधर जिला सिरमौर एसपी निशांत सिंह नेगी ने पुष्टि करते हुए बताया कि विशंभर दयाल गुप्ता के द्वारा लिखित दीगई शिकायत के अनुसार मामला दर्ज कर दिया गया है। मामले की गंभीरता कोर्ट के लिए अनेक कल्याणकारी है सुक्खू देखते हुए जांच को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि जांच के बाद ही बताया जा सकेगा कि मामला क्या है।