विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को सशक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक पहल
समावेशन, पर्यावरणीय स्थिरता और कौशल विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम उठाते हुए रोटरी क्लब मंडी और नेरचौक ने संयुक्त रूप से सहयोग और साकार विद्यालयों के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए 10 दिवसीय कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्घाटन सहयोग विद्यालय में हुआ, जो सामुदायिक भागीदारी, पर्यावरण जागरूकता और क्षमता निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक रूप से मंद बच्चों को चीड़ की सूखी पत्तियों से पारंपरिक व पर्यावरण अनुकूल उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में बच्चों के साथ-साथ उनके व्यावसायिक प्रशिक्षकों को चीड़ की पत्तियां, खजरे, जंगली घास और वैजयंती माला जैसे प्राकृतिक संसाधनों से सुंदर व उपयोगी उत्पाद तैयार करना सिखाया जाएगा। इसका उद्देश्य बच्चों की रचनात्मकता को विकसित करना, आत्मविश्वास बढ़ाना तथा आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना है, साथ ही यह वनाग्नि की रोकथाम एवं स्थाई आजीविका के नए रास्ते भी खोलेगा।
इस अभियान में वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी का वनस्पति विज्ञान विभाग भी सक्रिय सहयोग दे रहा है। इस प्रशिक्षण का नेतृत्व कर रहीं हैं प्रसिद्ध इको-उद्यमी संतोष सचदेवा, जो स्थानीय मेलों, उत्सवों और प्रदर्शनियों में चीड़ की पत्तियों से बने उत्पादों को सफलतापूर्वक बेचती रही हैं। उन्होंने न केवल बच्चों को प्रशिक्षण देने का संकल्प लिया है, बल्कि उनके बनाए गए उत्पादों को स्वयं खरीदने और बाजार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभाएंगी। संतोष सचदेवा ने कहा कि चीड़ की पत्तियों से बने पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों की मांग बढ़ रही है, लेकिन प्रशिक्षित कारीगरों और जन जागरूकता की कमी के कारण आपूर्ति कम है। यदि इस प्रकार की और पहले हों, तो हम पर्यावरण संरक्षण, कौशल विकास और विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर नागरिक बनाने की दिशा में सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं। इस अवसर पर रोटरी क्लब मंडी के अध्यक्ष हेमराज, सचिव कौशलेश कपूर, मंडी कॉलेज में वनस्पति विज्ञान विभाग की वरिष्ठ प्राध्यापक डा. तारा सेन, मंडी रोटरी क्लब की ओर से सुरेंद्र मोहन, एम.एल. गुप्ता, लता गुप्ता, धर्मेंद्र राणा के अलावा रोटरी क्लब नेरचौक के अध्यक्ष अमृतपाल सिंह, सचिव, शिवकुमार के अतिरिक्त सहयोग व साकार विद्यालयों के स्टाफ सदस्य तथा रोटरी क्लब नेरचौक के अन्य सदस्य भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे और इस पहल के लिए अपने निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में वल्लभ महाविद्यालय के बी.एससी. प्रथम वर्ष वनस्पति विज्ञान के तीन छात्र हीना, योगिता और जितेंद्र ने भाग लिया, जिन्होंने इस अवसर को प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित सामुदायिक उद्यमिता को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। यह साझेदारी दर्शाती है कि जब शैक्षणिक संस्थान, सेवा संगठन और व्यक्तिगत प्रयास एक साथ आते हैं, तो वे एक समावेशी, कुशल और पर्यावरण-हितैषी समाज के निर्माण में अद्भुत भूमिका निभा सकते हैं।