बाबा साहव ने दिया था शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो का मूल मंत्र: चमन राही
भारतीय संविधान निर्माता भारत रत्न डॉक्टर बीआर अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर जिला मंडी की बडसू पंचायत में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने बतौर मुख्यातिथि व अखिल भारतीय दलित पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग परिषद हिमाचल प्रदेश के महासचिव एवं राज्य प्रवक्ता चमन राही ने विशेष अतिथि के रूप में शिरक्त की। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायत प्रधान गोविंद वर्धन ने की। इस दौरान कृषि विभाग ने अनूठी पहल करते हुए जागरूकता शिविर लगाया और लोगों को नगदी फसले उगाने के लिए प्रेरित कर बीज बांटा, वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की जागकारी दी। अपने संबोधन में मुख्यातिथि ने कहा कि बाबा साहब ने भारतीय संविधान में महिलाओं को बराबरी के अधिकार प्रदान किए। विश्व के बहुत से देशों में आज भी महिलाओं को बराबरी के अधिकार नहीं हैं। विशेष अतिथि चमन राही ने कहा कि भारत रत्न डॉक्टर बीआर अंबेडकर ने सभी धर्मों के ग्रंथों का अध्ययन कर, देश के कई भागों में भ्रमण कर भारतीय संविधान की रचना की और उन्होंने शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो का मूल मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत पंच से लेकर राष्ट्रपति को संविधान के दायरे में रहकर देश के विकास में योगदान देना पड़ता है।
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तेजी ने किया हैरान
इस मौके पर हरियाणा के अंबाला से भारतीय भार खींच प्रतियोगिता के खिलाड़ी तेजिंदर उर्फ तेजी और उनकी टीम ने नशे के खिलाफ प्रतियोगिताएं दी। तेजिंदर तेजी ने इस मौके पर टिप्पर व अन्य वाहनों को अपने हाथ से खींच कर सबको हैरान कर दिया।
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इन्होंने लिया चर्चा में भाग
इस अवसर पर टीएल चंदेल, यशवंत गुलेरिया, कर्मसिंह सैनी, चंद्रवीर कागरा, सादिक मोहम्मद, देवकीनंदन, मोहम्मद रफी, हेमराज आजाद, सोहनलाल, चौधरी राम, राजेंद्र ठाकुर, अशोक सैनी, पूनम नायक, हिमाचली नायक, इं. राजनपाल, बहादर सिंह, प्रताप भरमौरिया, चूहड़सिंह, मानसिंह, खेमसिंह, देवीस्वरूप सैनी, महेंद्र गुप्ता, रमा कुमारी, लुद्दर सिंह, प्रवीण सकलानी, सकुंतला कश्यप, पूर्व प्रधान दासी देवी, संतराम, जीवानंद शर्मा, राजेंद्र, शेरसिंह, हेतराम, कृष्णा, रणजीत, चंचला, दीपिका, सुषमा, गीतांजलि, प्रोमिला, गांता, मीना, सावित्री, जयंती, चंपा देवी, रमा आदि ने चर्चा में भाग लिया और अंबेडकर के बताए मार्ग पर चलने की शपथ ली।