सिरमौर के मंदिरों में श्रद्धा और उल्लास से मनाई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
जिला सिरमौर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व भारी आस्था, श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गय। दिनभर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही, जहां लोगों ने अपने परिवार की खुशहाली की कामना की। जिला मुख्यालय नाहन के श्रीराधा-कृष्ण मंदिर, कालीस्थान मंदिर, सनातन धर्म मंदिर, श्री जगन्नाथ मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। श्री कृष्ण के पालने को झुलाया गया। इस दौरान भजन-कीर्तन भी हुए। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में लोगों ने अपने कुल देवता और कुल देवी के मंदिरों में जाकर पूजा की और हलवे आदि का भोग भी लगाया। इस पर्व पर हरिपुरधार के प्रसिद्ध मां भंगायनी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। चूड़धार के शिरगुल मंदिर में प्रदेश और बाहरी राज्यों के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। हरिपुरधार में मां भंगायनी मंदिर में सुबह से ही सिरमौर के साथ साथ जिला शिमला, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़ व उत्तराखंड से हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं के भारी संख्या में पहुंचने के कारण हरिपुरधार बाजार में भी भीड़ रही। लिहाजा, बाजार में बार-बार ट्रैफिक जाम होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना भी करना पड़ा। इसके साथ साथ गिरिपार क्षेत्र के द्राबिल के महासु मंदिर, नैनीधार के शिव मंदिर, गेलियो के शिरगुल मंदिर, बढ़ोल के बिजाई माता मंदिर, पंजाह के गुड़ीयाली माता मंदिर के साथ साथ सैनधार के कोटला मोलर में गणेश मंदिर, दीद बगड़ में जमनाग देवता, शिरगुल देवता, नगरकोटी माता, नाड़नोटी में ठंडू माता, मानरिया में मनसा देवी समेत अन्य कई मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
गिरिपार में धूमधाम से मनेगा गुगाल पर्व
अष्टमी के दूसरे दिन गिरिपार क्षेत्र में गोगा नवमी का गुगाल धूमधाम से मनाया जाता है। नवमी में व्रत खोलने के बाद गुगाल पर्व शुरू हो जाता है। गिरिपार क्षेत्र के शिलाई में यह पर्व बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, जहां हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होते है। दिनभर रासे व नाटियों का दौर चलता है। गूगा के भक्त आग के अंगारों पर लोहे की जंजीरों को गर्म करके उन गर्म जंजीरों से अपने शरीर पर प्रहार करते है, जो लोगों की आस्था व आकर्षण का मुख्य केंद्र है।