कृषि विभाग आत्मा परियोजना के तहत बासा पंचायत में किसान गोष्ठी का आयोजन किसानों को प्राकृतिक खेती के गुणों के बारे में किया जागरूक
कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के तहत विकासखंड गोहर की ग्राम पंचायत बासा में प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। स्थानीय ग्राम पंचायत बासा, गोहर के लगभग 80 किसान इस जागरूकता शिविर में शामिल हुए। गोष्ठी में खंड तकनीकी प्रबंधक डॉक्टर विजय कुमार ने उपस्थित सभी किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीकों के बारे में जानकारी दी। किसानों को जीवामृत, बीजामृत और घन जीवामृत बनाने की विधि और उसके उपयोग के बारे में अवगत करवाया गया। उन्होंने बताया कि यह कृषि की वह विधि है जिसमें किसानों को फसल उत्पादन के लिए उर्वरकों एवं कीटनाशकों पर खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती। प्राकृतिक कृषि का उद्देश्य रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग न करना और जैविक कीटनाशकों को बढ़ावा देना है। किसानों को फसल संरक्षण के लिए गोबर, पौधों एवं मानव के अपशिष्ट, केंचुआ एवं जैविक उर्वरकों के उपयोग की सलाह दी गई। उन्हें बताया गया कि इस प्रणाली से न केवल मिट्टी के अपरदन की रक्षा होती है बल्कि मिट्टी की उर्वरता में भी वृद्धि होती है। साथ ही फसल लागत में कमी आती है और उनकी आय में भी वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हाल ही में किसानों से प्राकृतिक विधि द्वारा उगाए गए अनाजों को 30 रुपये किलो मक्की और 40 रुपये प्रति किलो गेहूं खरीदने का प्रावधान किया गया है। मक्की फसल की खरीद इसी वर्ष से शुरू की कर दी गई जाएगी जिसके तहत गोहर ब्लॉक में चैलचौक में प्रोक्योरमेंट सेंटर खोला गया है जिसमें सिराज और गोहर ब्लॉक के प्राकृतिक खेती विधि द्वारा उगाई गई फसल मक्की ,गेहूं को सरकार के द्वारा खरीदा जाएगा। इस अवसर पर उपस्थित सभी किसानों को विभाग द्वारा मटर के बीज भी बांटे गए। इस गोष्ठी में खंड तकनीकी अधिकारी डाॅ० विजय कुमार, सहायक तकनीकी अधिकारी डाॅ० लकी कश्यप, डॉ मुरारी लाल व स्थानीय लोग उपस्थित रहे।