जहरयुक्त खेती कर न करें अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ : लीना शर्मा, होस्ट एंकर सीरीज के 15वें एपिसोड में बोली इंडिया की टॉप टेन महिला कृषक में शामिल लीना शर्मा
जहरमुक्त खेती कर अपनी सेहत के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हर व्यक्ति को अपना बहुमूल्य योगदान देना चाहिए। जहरयुक्त खेती कर अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ न करें। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां जहरयुक्त अनाज के उपयोग के कारण ही हैं। यह बात होस्ट एंकर सीरीज के 15वें एपिसोड में एंकर सेवानिवृत्त प्रवक्ता नीरज शर्मा के साथ खास बातचीत में धरती मां की साधना में लीन इंडिया की टॉप टेन महिला कृषक में शामिल लीना शर्मा ने कही। बता दें कि देवभूमि करसोग के पज्याणु गांव की लीना शर्मा ने सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती कर गांव की महिलाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई क्रांति का सूत्रपात किया है। लीना शर्मा ने कहा कि रासायनिक खादों का उपयोग कर खेती जहरीली हो चुकी है। किसानों के मित्र केंचुए और अन्य कीट न रहने से खेत बहुत सख्त हो चुके हैं, जिसका नतीजा यह है कि बारिश का पानी खेती में नहीं ठहरता और नमी कम होने के कारण फसलें पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाती हैं। लीना शर्मा ने सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की गांव की महिलाओं की आमदनी बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही गांव में बाहर के अनाज आदि की बजाय प्राकृतिक खेती की उपज का उपयोग कर 80 प्रतिशत बीमारियां कम हो चुकी हैं। महिलाओं का बीमारियों में जाने वाला 80 प्रतिशत पैसा गांव की आर्थिकी को मजबूत कर रहा है। भारी विरोध बीच 10 बीघा से आरंभ की जीरो बजट प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ कर आज 100 बीघा से उपर हो चुका है।
क्या है सुभाष पालेकर खेती
सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के लिए देशी गौवंश के गोबर और मूत्र का उपयोग किया जाता है। इससे जीवामृत, घनजीवामृत और बीजामृत आदि का निर्माण कर खेती के उपयोग में लाया जाता है। इसके उपयोग से उत्पन्न अनाज स्वादिष्ट होने के साथ साथ सभी पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो आज के हाइब्रिड और रासायनिक खादों के उपयोग से उगाए गए अनाज में नहीं होते हैं। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचने का एकमात्र उपाय प्राकृतिक खेती से उत्पन्न अनाज का इस्तेमाल है।
मिल चुके हैं दर्जनों अवार्ड
लीना शर्मा को राष्ट्रीय स्तर दो और राज्य स्तर पर दर्जनों अवार्ड मिल चुके हैं। फार्म लेडी आफ इंडिया का सम्मान मिल चुका है। दिल्ली दूरदर्शन ने दो बार और उपमंडल स्तर पर सैकड़ों वार्ड मिल चुके हैं।
इसके साथ ही लीना शर्मा गांव गांव में प्राकृतिक खेती करने का प्रशिक्षण भी देती है। लीना शर्मा ने देशी गौवंश को पालने और उनके गोबर और गौमूत्र से खेती करने का आह्वान किया है। लीना शर्मा ने कहा कि पद्मश्री सुभाष पालेकर मेरे गुरु हैं मैंने उनसे ही प्राकृतिक खेती करना सीखी है।
पति ने किया भरपूर सहयोग
लीना शर्मा ने कहा कि आरंभ में प्राकृतिक खेती करने के लिए गांव में देशी गौवंश नहीं था, तो मेरे पति ने दूर दूर देशी गाय का गोबर और गोमूत्र लाकर बहुत सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विभाग की ओर से भी किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है।