चुनाव आयुक्त नियुक्ति कानून पर सुनवाई अब 4 फरवरी का
सुप्रीम कोर्ट ने 2023 के कानून के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चार फरवरी तक टालते हुए कहा कि यह कानून बनाने की विधायी शक्ति बनाम अदालत की राय होगी। एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ को सूचित किया कि मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं और अगर न्यायालय ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो नए कानून के तहत एक नया सीईसी नियुक्त किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने दो मार्च 2023 के अपने फैसले में सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और प्रधान न्यायाधीश को शामिल करते हुए एक पैनल का गठन किया था। उन्होंने कहा कि नए कानून के तहत चयन समिति में प्रधानमंत्री, एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, नेता प्रतिपक्ष या लोकसभा में सबसे बड़े विरोधी दल के नेता शामिल होंगे। उन्होंने प्रधान न्यायाधीश को चयन समिति से हटा दिया है।