हरिपुरधार में युवक की गहरी ढांक में गिरने से मौत, प्रशासन की ओर से फौरी राहत नहीं
जिला सिरमौर की उपतहसील हरिपुरधार में 30 साल के एक युवक की गहरी ढांक में गिरने से मौत हो गई है। मृतक की पहचान मनीष कुमार उर्फ मिंटू निवासी रनवा के तौर पर हुई है। इस घटना से इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। जानकारी के मुताबिक मनीष हरिपुरधार से पैदल चलकर अपने गांव की ओर जा रहा था।हरिपुरधार से करीब आधा किलोमीटर दूर कालामोड़ के समीप अचानक उसका पैर फिसल गया और वह करीब 400 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। इस घटना में मनीष की मौके पर ही मौत हो गई।मनीष बद्दी की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। ग्रामीणों को जब घटना का पता चला तो गांव के लोग तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हो गए।ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को भी दी। मृतक का शव खाई में ऐसी खतरनाक ढांक में फंसा हुआ था, जिसे निकालने में ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया।मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया।
जब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया तो प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को फौरी राहत के तौर पर कोई आर्थिक मदद नहीं की गई।प्रशासन के इस रवैये से ग्रामीणों में खासी नाराजगी भी है। पंचायत प्रधान मदन राणा ने नायब तहसीलदार हरिपुरधार से पीड़ित परिवार को फौरी राहत देने की मांग की है।पंचायत प्रधान ने बताया कि नायब तहसीलदार ने ये कहकर आर्थिक मदद देने से मना कर दिया कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आती, तब तक वह पीड़ित परिवार को फौरी राहत नहीं दे सकते। नायब तहसीलदार के इस जवाब से नाराज पंचायत प्रधान ने खुद ही आर्थिक मदद देकर पीड़ित परिवार की सहायता की। उधर, नायब तहसीलदार संतोष कुमारी ने कहा कि मृतक के परिजनों को कल फौरी राहत दे दी जाएगी। कहा कि फौरी राहत देने से उन्होंने इनकार नहीं किया है।