नगर निगम का फरमान, सिमटा मंडे मार्केट का सामान, मंडे मार्केट को अब दाड़ी शिफ्ट होने के निर्देश
संजौली के मस्जिद प्रकरण के बाद प्रवासियों तथा समुदाय विशेष के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। वहीं धर्मशाला में मंडे बाजार लगाने वाले करीब डेढ़ दर्जन परिवार अपनी मार्केट को यहां से हटाने के फरमान को इसी का नतीजा बता रहा है। मूल रूप से गुजरात के तथा कांगड़ा शहर के आसपास रहने वाले इन लोगों के अनुसार वे पिछले कई दशकों से धर्मशाला में मंडे बाजार लगा कर गरीब वर्ग को सस्ते कपड़े बेच कर अपने परिवार चला रहे हैं। हालांकि नगर निगम प्रशासन ने इनकी दुकानों के कारण यातायात प्रभावित होने की शिकायतों का हवाला देते हुए यहां से हटने के निर्देश दिए हैं। बताते चलें कि कुछ साल पहले ये लोग कोतवाली बाजार, उसके बाद कचहरी और अब गुरुद्वारा मार्ग पर मंडे मार्केट लगा रहे थे। यातायात बाधित होने की बात कहते हुए नगर निगम ने इन्हें यहां से दाड़ी शिफ्ट होने के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार को मार्केट लगा कर बैठे दुकानदारों को नगर निगम के स्टाफ ने यहां पहुंच कर दाड़ी मैदान में शिफ्ट होने की हिदायत दी। इसके बाद दुकानदार, सुबह सजाया सामान समेटने लगे थे। सस्ते दामों पर पुराने कपड़े बेचने वाले अरुण, आशा, सूरज, आकाश,कनव, राघव, पूनम, लता, राधा, मान सिंह, गोपी,राखी, राधिका तथा
कैलाश आदि ने बताया कि ये सभी लोग कांगड़ा में रहते हैं तथा मूल रूप से गुजरात से हैं। इनके अनुसार इस मार्ग पर इन्हें दुकान लगाने की अनुमति दी जाए। जानकारी के अनुसार यहां करीब 15 प्रवासी परिवार पिछले कई सालों से पुराने कपड़े बेच कर गुजर-बसर कर रहे हैं। इन लोगों ने नगर निगम प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें यहां से न हटाया जाए। इन लोगों के अनुसार ये लोग सिर्फ सोमवार के दिन ही यहां बाजार लगाते हैं। ऐसे में ये लोग इस सड़क पर लगी झाड़ियों को साफ कर दुकानें लगाने को तैयार हैं, ताकि यातायात प्रभावित न हों।
क्या बोलीं मेयर नीनू शर्मा
उधर, इस संदर्भ में जब नगर निगम धर्मशाला की मेयर नीनू शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि ऐसे निर्देश जारी किए गए हैं लेकिन दुकानदारों ने दाड़ी में उनके व्यापार के न चलने की दलील देते हुए उन्हें शिफ्ट न करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि ऐसे में अब नगर निगम दो-तीन दिनों में धर्मशाला में मंडे मार्केट के लिए वैकल्पिक स्थान ढूंढने का प्रयास कर रही है।