स्वास्थ्य खंड आनी में चिकित्सकों सहित कुल 94 पद खाली
कुल्लू जिले के आनी स्वास्थ्य खंड में डॉक्टरों समेत कुल 94 रिक्त पदों के चलते क्षेत्र की भोली-भाली जनता का स्वास्थ्य डॉक्टरों नहीं बल्कि भगवान भरोसे है। फलस्वरूप क्षेत्र की जनता को अपना इलाज करवाने या तो नजदीकी निजी क्लीनिकों में या फिर यहां से 55 किलोमीटर दूर रामपुर या 120 किलोमीटर दूर शिमला, कुल्लू के अस्पतालों में पहुंचने को मजबूर हैं।
आनी खंड और साथ लगते मंडी जिला की 50 पंचायतों की जनता के स्वास्थ्य के केंद्र सिविल अस्पताल आनी में प्रतिदिन 200 की ओपीडी है, जबकि अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर्स के 3 पद खाली हैं। आनी के इस अस्पताल में मेडिसीन के डॉक्टर, बाल रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ के अलावा एनेस्थीसिया का पद खाली है। एक सर्जन है, मगर दोनों आपरेशन थिएटर असिस्टेंट के
पद खाली हैं। इसके अलावा 8 स्टाफ नर्स, चीफ फरमिस्ट और फार्मासिस्ट के तीन पद, 2 जूनियर असिस्टेंट, 1 रेडियोग्राफर, 3 मेल हेल्थ सुपरवाइजर, दोनों ड्राइवर और एकमात्र रसोइए का पद भी खाली चल रहा है। इसके अलावा सीएचसी दलाश में 2 डॉक्टर, 3 स्टाफ नर्सें, एक चीफ फार्मासिस्ट, पीएचसी लगौटी और शवाडका में भी कोई डॉक्टर ही नहीं है।
वहीं तांदी, शाणी, सोईधार, लुहरी, ओलवा, जाबू, बिशल, गाड, कमांद, लुहाल और फनौटी जैसे दुर्गम क्षेत्रों के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में न ही फीमेल हेल्थ वर्कर हैं न ही मेल हेल्थ वर्कर हैं। हालात यह हैं कि पूरे स्वास्थ्य खंड में मेल हेल्थ वर्कर की सभी 20 पोस्ट्स हैं खाली हैं, जबकि 12 में फीमेल हेल्थ वर्कर्स और स्टाफ नर्सों के 25 में से 12 पद खाली हैं।
आनी में सामाजिक सुधार और आरटीआई पर कार्य कर रही सचेत संस्था का कहना है कि
क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए आनी के इस सिविल अस्पताल
में विशेषज्ञ डॉक्टर होना बेहद जरूरी है।