चार दिन से बंद पड़ा एनएच 707, कुम्भकर्णी नींद सो रहे क्षेत्रीय मंत्री
पांवटा साहिब फेडीज राष्ट्रीय राजमार्ग 707 चार दिन के बाद भी वाहनों के लिए बहाल नही हो पाया है। सोमबार शाम को मानव निर्मित आपदा से बंद पड़े राष्ट्रीय राजमार्ग चार दिन बाद भी 707 के खुलने के आसार नजर नही आ रहें। पैकेज तीन का कार्य कर रही एचईएस व रुधनव इम्फ्रा कम्पनी की लापरवाह कार्यप्रणाली को देखते हुए दो दिन और लग सकते है। मौके पर पहुचें एसडीएम ने कम्पनी और एनएचएआई को जल्द सड़क खोलने को लेकर सख्त निर्देश दिए है। शिलाई के समीप लोहराह मोड़ पर पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा दरकने से मार्ग अवरुद्ध हों गया हैं। मार्ग का कार्य कर रही निजी कम्पनी ने क्रशर बनाने के लिए निकाले जा रहे पत्थर के लिए मार्ग के अंदरूनी किनारे में डिप कटिंग कर डाली।
अवैज्ञानिक तरीके से हुई कटिंग से पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। जिससे मार्ग बंद हों गया तथा पहाड़ी के ऊपर लोगों की निजी भूमि भूस्खलन से नष्ट हों गई, भूखंड के इस मलबे में बड़ी-बड़ी चटटानो से सड़क भर गई हैं वहीं बड़ी बड़ी चट्टान ग्रामीणों की घासनियों में पहुंच गई हैं। मौके पर पहुंचे समाजसेवी नाथू राम चौहान ने क्षेत्र के नेताओं पर आरोप लगाया कि सत्तासीन और विपक्ष में बैठे नेता केवल वोट बटोरने के लिए क्षेत्र में पहुचते है। पिछले चार दिनों से बंद पड़े राष्ट्रीय राजमार्ग को लेकर अभी तक नेताओं की कोई प्रतिक्रिया नही आई है, क्योंकि नेताओं की कम्पनी के साथ कमीशन फिक्स है, इसलिए तीन दिन बीत जाने के बाद भी लोगों की समस्याए नजर नही आ रही।
क्षेत्र के विधायक और सरकार में उद्योग मंत्री लोगो की सुध लेने तक नहीं आये। मंत्री महोदय राजधानी शिमला में आराम फार्मा रहे है। स्थानीय प्रशासन ने सड़क को दोनों तरफ से खोलने के निर्देश दिए है, लैकिन कम्पनी एसडीएम के आदेशों पर कोई अमल न होना साफ तोर पर कम्पनी को राजनितिक सरंक्षण मिलना है। दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतारें लगी है , लोग मजबूरन जान जोखिम में डालकर बिना सेफ्टी के स्लाइड पर करने को मजबूर है , जबकि पहाड़ी से कभी भी पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है। किसानों की नकदी फसल खेतों में सड़ रही है। आपातकालीन सेवाए पूरी तरह ठप पड़ी है , स्थानीय लोगो की पेयजल लाइन , सिंचाई कूहल नष्ट हो गई हैं , लैकिन क्षेत्र से विधायक और सरकार में उद्योग मंत्री चुप्पी साधे हुए है।
मौका पर कपंनी मात्र एक मशीन से कार्य कर रही है और टिप्पर से पत्थर क्रशर पर उतारा जा रहा है। जहा पत्थर तोड़ने के लिए चार ब्रेकर लगा रखे है, यदि उन मशीनों को सड़क पर पड़ी चट्टानों को दोनों तरफ तोड़ने के लिए लगाई जाए तो कुछ ही घंटों में सड़क को खोला जा सकता है। एसडीएम शिलाई सुरेंदर मोहन ने बताया कि मोर्थ और कपनी को जल्द सड़क खोलने के निर्देश दिए गए है , लैकिन कम्पनी की लचर कार्यप्रणाली के लिए कार्रवाई अमल में लाई जाएगी , साथ ही ग्रामीणों के हुए नुकसान के लिए कम्पनी को नोटिस काट दिए गए है।