पैसों की कमी से लटका बहुउद्देशीय सैनिक भवन का काम, 6 करोड़ से होना था निर्माण, 2 साल से नहीं मिला बजट
संधोल तहसील क्षेत्र के हजारों पूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए पूर्व भाजपा सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर शुरू किए गए मल्टीस्टोरी बहुद्देशीय सैनिक भवन को वर्तमान कांग्रेस सरकार ने पूर्वतया बिसरा दिया है। 6 करोड़ के इस भवन को 2 साल पहले बनकर तैयार हो जाना था। लेकिन इस भवन के लिए सरकार 2 वर्षों में फूटी कौड़ी भी बजट प्रदान नहीं कर पाई है, जिसके कारण आलीशान भवन न सिर्फ दो सरकारों के बीच बदले की भावना का जीता जागता उदाहरण बना हुआ है, वहीं पूर्व सैनिकों के लिए भी यह परेशानी का सबक बन चुका है। दरअसल सैनिक बाहुल संधोल क्षेत्र के पूर्व सैनिकों की मांग पर तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संधोल स्टेडियम और स्कूल के साथ बहुउद्देशीय सैनिक भवन के निर्माण को न सिर्फ हरी झंडी प्रदान की थी, बल्कि इसके लिए एक ढाई करोड़ बजट भी स्वीकृत कर दिया था। इस भवन का उद्देश्य क्षेत्र में अलग-अलग जगह पर बिखरे सीएसडी कैंटीन और रेस्ट हाउस को एक ही छत के नीचे लाना था, बल्कि इसके बन जाने से इसमें एक आर्मी अस्पताल भी खोला जाना था। सरकार ने 6 करोड़ लागत से बनने वाले इस आलीशान सैनिक बहुउद्देशीय भवन का निर्माण जल शक्ति विभाग के माध्यम से युद्ध स्तर पर शुरू करवा दिया था। तीन मंजिला इस भवन की धरातल पर पूर्व सैनिकों के लिए सीएसडी कैंटीन के साथ आर्मी अस्पताल दूसरी मंजिल पर आरामगाह, रेस्ट हाउस और ऊपरी मंजिल पर मीटिंग हॉल बनाया जाना था। इस भवन के बनने से धर्मपुर व संधोल क्षेत्र के हजारों पूर्व सैनिकों को एक ही छत के नीचे अस्पताल कैंटीन बैठक करने और आराम करने के लिए छत नसीब हो जानी थी, परंतु 2 सालों से भवन का निर्माण पूरा नहीं होने से सैनिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सैनिकों की अनदेखी पर भड़की लीग
उधर, दो साल से बंद पड़े निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय भूतपूर्व सैनिक लीग भड़क उठी है। पूर्व सैनिक लीग संधोल इकाई के अध्यक्ष कर्नल खेम सिंह मंढोत्रा ने कहा की सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की सहूलियत के लिए खुली कैंटीन किराए के छोटे से कमरे में चल रही है, जिसमें पर्याप्त सामान नहीं आता है, जिस वजह से इन लोगों को कभी भी पूरा सामान उपलब्ध नहीं हो पाता। उनका कहना है कि संधोल के साथ लगते हमीरपुर जिला और कांगड़ा जिला के भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए यह कैंटीन पहुंच में पड़ती है, जिस वजह से यहां ज्यादातर भीड़ लगी रहती है, लेकिन जगह के अभाव में इन लोगों को काफी दिक्कत होती है जिसके समाधान के लिए इस निर्माणाधीन भवन का जल्द बनना बहुत जरूरी था।
मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
मंढोत्रा ने बताया कि संधोल क्षेत्र के तहत करीब अढ़ाई हजार भूतपूर्व सैनिक हैं जो यहां सुविधा के लिए आते है उनके रुकने के लिए आस पास कोई भी सुविधा नहीं है। जबकी इसी भवन में ईसीएचएस और विश्राम गृह भी बनना है, जिससे इन सैनिकों को बड़ा फायदा होना था। कर्नल खेम चंद मढोत्रा ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से आग्रह किया है कि यथाशीघ्र इस भवन के कार्य को पूरा कर अपने हाथों से इसे सैनिकों को समर्पित करें जिससे ये सभी पूर्व सैनिक और आश्रित लाभान्वित हो सकें।
खुले दरबार में भी नहीं हुई मांग पूरी
पूर्व सैनिकों कैप्टन भगतराम, देशराज, रूपलाल, कर्म सिंह, बलवंत ठाकुर, संजीव गुलेरिया, दिनेश कुमार, नीलम शर्मा, रवि ठाकुर, ओमचंद सकलानी, हरिराम ने कहा कि संधोल में आयोजित हुए खुले दरबार में पूर्व सैनिकों ने इसे जल्दी बनाने की गुहार लगाई थी। तब सरकार और प्रशासन ने इस भवन को दिसंबर के अंत तक पूरा करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन आश्वासन के बाद अभी तक इसके निर्माण के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा है।
बजट के अभाव से रुका है काम, सहायक अभियंता
जल शक्ति विभाग संधोल के सहायक अभियंता इंजीनियर प्रदीप राठौर ने कहा कि बहुत ही भवन का कम बजट के अभाव में रुका पड़ा है। 5 करोड़ 91 लाख से निर्मित होने वाले इस भवन का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पेंट और सीवरेज का ही काम बचा है। ठेकेदार को 3 करोड़ 51 लाख रुपए देना बकाया है, जिसके लिए दर्जनों बार पत्राचार कर चुके हैं, पर बजट नहीं मिल रहा है। बजट मिलते ही भवन का बाकी काम भी कर दिया जाएगा।