आल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के चुनावों में धांधली, फिर हों चुनाव : नसीम दीदान
आल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के फाउंडर मेंबर नसीम मोहम्मद दीदान ने एक प्रैस ब्यान जारी कर कहा कि पिछले कल यानी रविवार को ज्वालाजी में ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के चुनाव होना तय हुए थे। इसी संबंध में पूरे हिमाचल से लगभग 200 से अधिक लोग इस इलेक्शन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चेयरमैन रहे सादिक खान द्वारा कमेटी को भंग कर चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया गया। चेयरमैन पद के लिए कांगड़ा से खुद पूर्व में चेयरमैन रहे सादिक खान, बिलासपुर से साबर दीन और सिरमौर से नजाकत अली हाशमी के नाम आए थे। लेकिन जैसे ही चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई तो इलेक्शन ट्रिब्यूनल और पूर्व में चेयरमैन रहे सादिक खान ने पक्षपात और धकाशाही करते हुए चेयरमैन पद के लिए उतरे उम्मीदवारों को चुनाव नहीं लड़ने दिया। इस दौरान वहां पर पूर्व चेयरमैन की धकाशाही और इलेक्शन ट्रिब्यूनल के पक्षपात को देखते हुए हिमाचल से अलग अलग जिलों से आए लोगों द्वारा पूर्व चेयरमैन और इलेक्शन ट्रिब्यूनल में शामिल लोगों को पीटा भी गया। इस घटना के उपरांत चुनाव का कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया। इसके उपरांत जब सभी लोग वहां से चले गए तो बंद कमरे में सादिक खान द्वारा खुद को ही चेयरमैन घोषित कर लिया गया और इलेक्शन ट्रिब्यूनल के लोगों को भी औधे दे दिए गए, जिसका पता सोशल मीडिया पर सादिक खान द्वारा पोस्ट शेयर करने के बाद चला।
इस घटना के उपरांत हिमाचल के मुस्लिम समुदाय के लोगों में असंवैधानिक प्रक्रिया से चुनाव करवाए जाने पर गहरा रोष देखने को मिला है। लोगों ने आल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर के फाउंडर नसीम दीदान से गुजारिश की है कि यह इलेक्शन दुबारा से करवाए जाए। जिसमें हिमाचल के हर जिले से मुस्लिम समुदाय के लोगों से राय मशवरा कर के एक स्थान निश्चित किया जाए तथा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाए जाएं।
चेयरमैन पद के लिए उम्मीदवार रहे साबर दीन ने कहा कि इलेक्शन ट्रिब्यूनल और पूर्व चेयरमैन सादिक खान ने चुनाव प्रक्रिया में अपनी मनमानी तथा जोर जबरदस्ती की तथा देर शाम बंद कमरे में चार पांच लोगों की उपस्थिति में खुद को चेयरमैन घोषित कर दिया गया। जो कि ऑल आल हिमाचल वेलफेयर एसोसिएशन के संविधान के खिलाफ है। उन्होंने भी एसोसिएशन के फाउंडर नसीब दीदान से मांग की है कि यह इलेक्शन जल्द ही दुबारा करवाएं जाएं। इसके अलावा चेयरमैन पद के लिए दावेदार रहे नजाकत अली हाशमी ने इस चुनावी प्रक्रिया को असंवैधानिक करार दिया है। ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के फाउंडर और पूर्व चेयरमैन नसीम दीदान ने कहा कि पूरे हिमाचल से मुस्लिम समुदाय के लोगों के फोन आ रहे हैं और लोगों ने चुनावी प्रक्रिया असंवैधानिक और गलत तरीके से करवाने के आरोप लगाए हैं। इस बाबत जल्द ही प्रदेश स्तर पर एक मीटिंग की जाएगी और लोगों की सहमति और ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन के संविधान के अनुसार दुबारा से इलेक्शन करवाए जाएंगे।